40 घंटे देरी से पोस्टमार्टम कराने का क्यों रचा गया कुचक्र?

्रमहंत नरेंद्र गिरि की मौत 20 सितंबर की शाम करीब पांच बजे हुई। उनके पार्थिव शरीर कापोस्टमार्टम 22 सितंबर को सुबह दस बजे किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 01:25 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 01:25 AM (IST)
40 घंटे देरी से पोस्टमार्टम कराने का क्यों रचा गया कुचक्र?
40 घंटे देरी से पोस्टमार्टम कराने का क्यों रचा गया कुचक्र?

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : महंत नरेंद्र गिरि की मौत 20 सितंबर की शाम करीब पांच बजे हुई। मगर उनके शव का पोस्टमार्टम 22 सितंबर की सुबह 10 बजे किया गया। सामान्यत: किसी व्यक्ति की घटना, दुर्घटना में मृत्यु होने पर पुलिस उसके शव को तत्काल पोस्टमार्टम हाउस भेजती है, लेकिन इस हाईप्रोफाइल मामले में ऐसा नहीं किया गया। वह भी तब, जब शव पुलिस की अभिरक्षा में था और महंत की मृत्यु भी संदिग्ध दशा में हुई थी। आखिरकार 40 घंटे देरी से महंत के शव का पोस्टमार्टम कराने का कुचक्र क्यों रचा गया, यह लोगों के गले से नहीं उतर रहा है। अब इसकी सच्चाई का पता लगाना सीबीआइ के सामने सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है।

कुछ डाक्टरों का मानना है कि अगर किसी शख्स को विषाक्त या फिर कोई दूसरा जहरीला पदार्थ देकर मारा जाता है तो, उसका लक्षण मृत शरीर में लगभग 12 से 15 घंटे तक रहता है। इसके बाद उसमें बदलाव आने लगता हैं, लेकिन अगर शव को डीप फ्रीजर में रखा जाता है तो ज्यादा बदलाव नहीं होता है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के शव का पोस्टमार्टम कराने में तत्परता क्यों नहीं दिखाई। प्रथम ²ष्टया पुलिस ने महंत की आत्महत्या की बात कही, लेकिन जब उनकी थ्योरी को झुठलाते हुए लोगों ने सवाल उठाया और हत्या का आरोप लगाया तभी भी अफसरों ने सक्रियता नहीं दिखाई। कहा जा रहा है कि अगर महंत के शव का पोस्टमार्टम जल्द से जल्द करा दिया जाता तो कुछ और तथ्य भी सामने आ सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पोस्टमार्टम में देरी परिस्थितजन्य थी या फिर किसी साजिश का हिस्सा था। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि कि अगर सीबीआइ की टीम इसकी पड़ताल करती है तो कुछ अफसरों के गले की फांस भी बन सकता है। साथ ही इसका जवाब अधिकारियों से लेकर शासन तक को देना पड़ सकता है। फिलहाल अब सीबीआइ की विवेचना और फिर होने वाली कार्रवाई का इंतजार है।

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