UP Vidhan Sabha Chunav 2022 : चुनाव की दौड़ में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक भी, जनाधार बढ़ाने पर जोर
UP Vidhan Sabha Chunav 2022 भाजपा सपा के साथ रहे रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया का सपा मुखिया अखिलेश यादव से वर्ष 2018 में तब दूरी बन गई जब राज्यसभा सदस्य के चुनाव में बसपा प्रत्याशी को सपा समर्थन देने लगी। फिर राजा भैया ने इस पार्टी का गठन किया
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी विधान सभा चुनाव 2022 ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दलों की सक्रियता भी तेज हो गई है। अन्य राजनीतिक पार्टियों के साथ ही जनसत्ता दल लोकतांत्रिक भी चुनाव की दौड़ में शामिल है। यह पार्टी अपना जनाधार बढ़ाने में जुटी है। इसके लिए लगातार संगठन के विस्तार के साथ रैली निकाली जा रही है। आइए इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि जनता दल लोकतांत्रिक की प्रतापगढ़ जनपद में क्या तैयारी है।
कभी भाजपा और कभी सपा के साथ रहे रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया का सपा मुखिया अखिलेश यादव से वर्ष 2018 में तब दूरी बन गई, जब राज्यसभा सदस्य के चुनाव में बसपा प्रत्याशी को सपा समर्थन देने लगी। इसके बाद राजा भैया ने वर्ष 30 नवंबर 2018 को अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का गठन किया और लखनऊ के रमाबाई पार्क में विशाल रैली की। जनसत्ता दल ने पहली बार वर्ष 2019 में प्रतापगढ़ से अक्षय प्रताप सिंह और कौशांबी सीट से शैलेंद्र कुमार को उतारा, दोनों प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा।
अब यूपी के विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। ऐसे में सभी दलों की सक्रियता बढ़ गई है। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह ने घोषणा की है कि पार्टी सूबे के 403 सीटों में से 100 सीट पर प्रत्याशी उतारेगी। इसे लेकर राजा भैया ने रैली भी शुरू कर दी है। महीने भर पहले कुंडा से अयोध्या तक रैली निकाली गई थी। इसके बाद 30 सितंबर को लखनऊ से जालौन तक रैली निकाली गई। रैली में भीड़ तो उमड़ रही है, लेकिन यह भीड़ वोट में कितना बदलेगी, यह तो विधान सभा चुनाव का नतीजा सामने आने पर ही पता चलेगा।
रैली निकालने के अलावा संगठन को भी विस्तार दिया जा रहा है। युवाओं को जोड़ने का प्रयास चल रहा है। हर बूथ पर कमेटी गठित करने पर जोर दिया जा रहा है। खासतौर पर युवाओं में जनसत्ता दल से जुड़ने को लेकर उत्साह दिख रहा है। बड़ी संख्या में युवा जनसत्ता दल से जुड़ रहे हैं। वैसे भी युवाओं में राजा भैया का क्रेज है। जनसत्ता दल के नेताओं का भी प्रयास अधिक से अधिक युवाओं को संगठन से जोड़ने को लेकर है।