UP Rajarshi Tandon Open University ने छेड़ा है गांवों में महिला सामाजिक जागरूकता अभियान

यूपीआरटीओयू की टीम जब गांव में पहुंची तो गांव की महिलाएं एवं बच्चे उन्हेंं कौतूहलवश देखने लगे। जब उन्हेंं बताया गया कि विश्वविद्यालय ने इस गांव को अंगीकृत करके विकास का बीड़ा उठाया है तो उनके चेहरे खुशी से चमक उठे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:42 AM (IST)
UP Rajarshi Tandon Open University ने छेड़ा है गांवों में महिला सामाजिक जागरूकता अभियान
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने गांवों में महिला सामाजिक जागरूकता अभियान शुरू किया है।

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में राज्यपाल के निर्देश पर गठित महिला अध्ययन केंद्र ने गांव की ओर रुख कर दिया है। कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह के निर्देशन में महिला अध्ययन केंद्र ने मानविकी विद्या शाखा द्वारा गोद लिए गए प्रयागराज में सोरांव विकास खंड के जैतवारडीह गांव में महिला सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

अचानक टीम देख ग्रामीण हुए हैरान

यूपीआरटीओयू की टीम जब गांव में पहुंची तो गांव की महिलाएं एवं बच्चे उन्हेंं कौतूहलवश देखने लगे। जब उन्हेंं बताया गया कि विश्वविद्यालय ने इस गांव को अंगीकृत करके विकास का बीड़ा उठाया है तो उनके चेहरे खुशी से चमक उठे। महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक प्रोफेसर रुचि बाजपेई ने उन्हेंं बताया कि अब इस गांव में कैंप लगाकर यहां के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता आदि के लिए सामुदायिक एवं प्रसार कार्यों का आयोजन निरंतर किया जाएगा। इस तरह गांव की महिलाओं से घुलमिल कर उन्होंने उनकी झिझक मिटाई।

रोजगारपरक कार्यक्रम के बारे में बताया

महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक प्रोफेसर रुचि बाजपेई ने कहा कि गांव की महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन तथा सामाजिक एवं आॢथक सबलता लाने के लिए उनमें जागरूकता की एक नई मुहिम विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई है। प्रो. बाजपेई ने बताया कि इस अवसर पर ग्राम प्रधान महेंद्र गिरी एवं आशा वर्कर पुष्पा श्रीवास्तव से उनकी राय लेकर स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर विशेष जोर दिया गया। कोरोना काल में गांव की सभी महिलाओं को टीकाकरण के प्रति जागरूक किया गया। गांव की इंटरमीडिएट पास महिलाओं को विश्वविद्यालय के शैक्षिक एवं रोजगार परक कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई। बताया गया कि तरक्की के लिए शिक्षा का प्रचार प्रसार गांव में अति आवश्यक है। घर के आस-पास सफाई रखने तथा पॉलिथीन मुक्त अभियान में अपना सहयोग देने का आह्वान किया गया।

महिला साक्षरता के लिए गांव में व्यवस्था नहीं

मानविकी विद्या शाखा के निदेशक डा. सत्यपाल तिवारी ने कहा कि समाज में महिला जागरूकता और बच्चों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के प्रति सजगता अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए मानविकी विद्या शाखा ने जैतवारडीह गांव को गोद लेकर समाज में जागरूकता फैलाने का निश्चय किया है। डा. तिवारी को गांव वालों ने बताया कि महिला साक्षरता के लिए गांव में कोई उचित व्यवस्था नहीं है। बालिकाओं को घर से दूर पढऩे के लिए जाना पड़ता है। साथ ही कुछ महिलाओं का यह भी कहना था कि वह स्वयं पढ़ी लिखी नहीं है फिर भी वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहती हैं। गांव वालों का आर्थिक रूप से स्वावलंबी होने तथा रोजगार के लिए मजदूरी और शारीरिक श्रम ही एकमात्र साधन है। गांव वालों को सरकारी योजनाओं की अल्प जानकारी थी।

ग्राम प्रधान से विश्‍वविद्याल ने मांगे सुझाव

महिला अध्ययन केंद्र की सह समन्वयक डा. श्रुति एवं डा. मीरा पाल, सहायक समन्वयक डा. साधना श्रीवास्तव, प्रो. विनोद कुमार गुप्ता, डा. स्मिता अग्रवाल, डा. अब्दुल रहमान, डा. शिवेंद्र प्रताप सिंह एवं राजेश गौतम ने विश्वविद्यालय की तरफ से किए जा रहे प्रयासों से गांव वालों को अवगत कराया। साथ ही ग्राम प्रधान महेंद्र गिरि से गांव के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए उनके सुझाव मांगे। मीडिया प्रभारी डा. प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि इस अवसर पर आसपास के कई ग्रामों के लोगों एवं ग्राम प्रधानों ने विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई इस पहल की सराहना की।

chat bot
आपका साथी