UP Panchayat Chunav 2021: पंचायत चुनाव पारिवारिक राजनीति का 'लांचिंग प्लेटफार्म' बन गया है

UP Panchayat Chunav 2021 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पारिवारिक राजनीति का रंग कितना गाढ़ा दिखाई दे रहा है गंवई लोकतंत्र में इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। मांडा और कोरांव में तो कई दिग्गजों ने अपने परिवार के सदस्यों को उतार दिया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 07:58 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 07:58 AM (IST)
UP Panchayat Chunav 2021: पंचायत चुनाव पारिवारिक राजनीति का 'लांचिंग प्लेटफार्म' बन गया है
पंचायत चुनाव की राजनीति में परिवारवाद का नजारा भी दिखाई दे रहा है।

प्रयागराज, जेएनएन। राजनीति में परिवारवाद अब आम हो गया है। राजनैतिक दलों के साथ नेताओं पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप आए दिन ही लगते रहते हैैं। पारिवारिक राजनीति का असली रंग इन दिनों हो रहे पंचायत चुनाव में दिखाई दे रहा है। यह पंचायत चुनाव पारिवारिक राजनीतिक का एक प्रकार से लांचिंग प्लेटफार्म बन गया है।

किसी के बेटे-बहू तो किसी की पत्नी और मां रण में हैं

इसमें खास यह है कि पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व जिला पंचायत सदस्य भी अपने परिजनों को इस चुनाव में उतार दिए हैैं। किसी के बेटे-बहू तो किसी की पत्नी और मां रण में हैं। इसी तरह किसी नेता ने अपने भाई और भतीजे मैदान में उतार दिया है। यही नहीं, जेल में बंद कई शातिर तो कई अधिवक्ता, अधिकारी व पत्रकारों के परिजन भी इस चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैैं। यह तो जनता जनार्दन ही तय करेगी कि किसके सिर पर ताज होगा।

मांडा, कोरांव में तो दिग्गजों ने अपने परिवार के सदस्यों को चुनावी जंग में उतारा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पारिवारिक राजनीति का रंग कितना गाढ़ा दिखाई दे रहा है, गंवई लोकतंत्र में इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। मांडा और कोरांव में तो कई दिग्गजों ने अपने परिवार के सदस्यों को उतार दिया है।
बताते हैैं कि जहां एक ओर आरक्षण ने कई लोगों को राजनीति से बाहर का रास्ता जहां दिखा दिया। वहीं कुछ लोग अपनी राजनीतिक साख कायम रखने के लिए अपने परिवार के सदस्यों तथा करीबियों को उतार दिया है। मांडा में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के परिवार में कई सदस्य चुनाव में उतरे। इसमें बहू और बेटा तो क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर निर्विरोध हो गए। यहां पूर्व ब्लाक प्रमुख भी किस्मत आजमा रहे हैैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष खुद मैदान में तो उनके पति भी रण में हैैं।

पूर्व विधायक अपनी विरासत पुत्र को देने जा रहे हैैं
कोरांव में पूर्व ब्लाक ने अपनी करीबी महिला को क्षेत्र पंचायत सदस्य पद चुनाव लड़ा दिया है, जिसे वह ब्लाक प्रमुख का उम्मीदवार बताते फिर रहे हैैं। यहां एक और पूर्व ब्लाक प्रमुख इस बार जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैैं। कोरांव में जिला पंचायत सदस्य रह चुके एक नेताजी फिर जिला पंचायत सदस्य पद के लिए मैदान में हैैं। वहीं एक पूर्व विधायक अपनी विरासत पुत्र को देने जा रहे हैैं। वह बेटे को जिला पंचायत सदस्य पद पर लड़ा रहे हैैं। कोरांव में ब्लाक प्रमुख पद सुरक्षित होने के कारण पूर्व में ब्लाक प्रमुख रहीं एक महिला फिर क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़कर ब्लाक प्रमुखी की उम्मीदवारी ठोक रही है। वहीं दूसरी ओर उनका बेटा भी क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर भाग्य आजमा रहा हैं। मेजा और उरुवा में भी यहा हाल है।

यमुनापार के साथ ही गंगापार में भी पारिवारिक राजनीति दिख रही
गंगापार क्षेत्र में भी पारिवारिक राजनीति सिर चढ़कर बोल रही है। सैदाबाद विकास खंड के पूर्व ब्लाक प्रमुख इस बार अपनी पत्नी को जिला पंचायत सदस्य के पद पर चुनाव लड़ा रहे हैैं। चर्चा है कि वह अध्यक्ष पद की दावेदारी ठोंकेगी। सैदाबाद में ही इसी तरह एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा है। हंडिया में एक पूर्व ब्लाक प्रमुख खुद ही मैदान में हैैं। वह दोबारा प्रमुखी के लिए क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे हैैं। हंडिया में ही एक पूर्व विधायक के बेटे जिला पंचायत सदस्य पद पर चुनाव लड़ रहे हैैं। जोरशोर से चर्चा है कि एक बड़ी की ओर से वह जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी हो सकते हैैं। हंडिया में एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य फिर मैदान में हैैं। कमोवेश प्रतापपुर ब्लाक में भी एक पूर्व ब्लाक प्रमुख जिला पंचायत सदस्य पद के लिए किस्मत आजमा रहे हैं।

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