UP 69000 Teachers Recruitment: प्रयागराज में दिव्यांग अभ्यर्थियों का धरना जारी, कहा शिक्षा-विभाग हुआ संवेदनहीन

UP 69000 Teachers Recruitment प्रयागराज प्रवास पर आए प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक गुप्ता को भी अपनी पीड़ा सुनाने के लिए दिव्यांग अभ्यर्थी सर्किट हाउस पहुंचे। प्रमुख सचिव ने कहा कि सही जगह जब तक आप अपनी बात नहीं रखेंगे तब तक कोई लाभ नहीं मिलेगा।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 07:48 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 07:48 AM (IST)
UP 69000 Teachers Recruitment: प्रयागराज में दिव्यांग अभ्यर्थियों का धरना जारी, कहा शिक्षा-विभाग हुआ संवेदनहीन
जिन दिव्‍यांग अभ्‍यर्थियों का चयन नहीं हुआ है, वह प्रयागराज में चयन बोर्ड कार्यालय पर धरना दे रहे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। 69000 शिक्षक भर्ती में चयन से वंचित रह गए दिव्यांग अभ्यर्थियों ने शिक्षा विभाग पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है। कहा है कि वह एक पखवाड़े से चयन बोर्ड कार्यालय पर धरना दे रहे हैं। इसके बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। यहां तक कि मांगों को सुनने के लिए भी अफसर तैयार नहीं है।

प्रमुख सचिव नगर के पास अभ्‍यर्थियों को मिली मायूसी

प्रयागराज प्रवास पर आए प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक गुप्ता को भी अपनी पीड़ा सुनाने के लिए दिव्यांग अभ्यर्थी सर्किट हाउस पहुंचे। इस पर प्रमुख सचिव ने कहा कि सही जगह जब तक आप अपनी बात नहीं रखेंगे, तब तक कोई लाभ नहीं मिलेगा। आखिर सिर में दर्द है तो पैर पर दवा क्यों लगा रहे हैं। इस बात को सुनकर दिव्यांग अभ्यर्थी दुखी हो गए। उन्होंने आग्रह किया कि अभ्यर्थियों की बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचा दे। असमर्थता जताने पर अभ्यर्थियों ने जो ज्ञापन दिया तो उसे वापस मांग लिया। प्रमुख सचिव ने भी ज्ञापन लौटा दिया। उसके बाद सभी अभ्यर्थी धरनास्थल पर पहुंच गए।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने मिलने से इनकार कर दिया

इससे पूर्व बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने भी मिलने का प्रयास किया गया था। वह प्रयागराज में किसी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। बेसिक शिक्षा मंत्री ने मिलने से इनकार कर दिया था। वहां धक्का-मुक्की करने का भी आरोप लगाया। बताया गया कि कई अभ्यर्थी धक्का लगने से गिर गए और चोटिल भी हुए। इसके बाद भी उनकी बात को किसी ने नहीं सुना। हालांकि स्थानीय विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने अभ्यर्थियों को अपने आवास पर बुलाकर उनकी बात सुनने का भरोसा दिलाया था।

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