Unlocked in Prayagraj: खुशरो बाग के गेट पर अभी कोरोना का पहरा है, पुरात्तव विभाग भी सतर्क
Unlocked in Prayagraj खुशरो बाग में स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहायक कंजरवेटर पंकज तिवारी का कहना है कि विभाग के सभी ऐतिहासिक स्थल पिछले दिनों खोल दिए गए हैं। वहीं खुशरो बाग को खोलने की अनुमति अभी जिला प्रशासन से नहीं है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के पुराने शहर में हरियाली और ऐतिहासिक धरोहर का सबसे रमणीय स्थल खुशरो बाग अभी नहीं खोला गया है। मार्निंग वाक या योग करने वालों को चंद्रशेखर आज़ाद पार्क यानी कंपनी गार्डेन् जाना पड़ रहा है। इसकी वजह कोरोना है। इस बाग के कुछ ही फासले पर लूकरगंज मोहल्ला स्थित है। लूकरगंज मोहल्ले में पिछले दिनों कोरोना संक्रमित अधिक लोग हुए थे। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने अभी खुशरो बाग खोलने की अनुमति नहीं दी है।
लूकरगंज मोहल्ला सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित था
कोरोना की दूसरी और पहली लहर में भी लूजरगंज सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। इसी मोहल्ले में रहने वाले वीरेंद्र की सबसे पहले मौत हुई थी और दूसरी लहर में भी इसी इलाके में सबसे ज्यादा संक्रमित मिले थे।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग सतर्क
खुशरो बाग में स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहायक कंजरवेटर पंकज तिवारी का कहना है कि विभाग के सभी ऐतिहासिक स्थल पिछले दिनों खोल दिए गए हैं। वहीं खुशरो बाग को खोलने की अनुमति अभी जिला प्रशासन से नहीं है। कारण है कि पास में ही लगे लूकरगंज मोहल्ले के लोगों का भी इधर आना जाना होता है। ऐसे में शहर के अन्य लोगों को इस इलाके से सुरक्षित रखना प्राथमिकता है। हालांकि उन्होंने अगले महीने खुशरो बाग खुलने की संभावना जताई है।
माली और बाग कर्मियों पर पाबंदी नहीं
खुशरो बाग में बगीचे की देखभाल और बाग से फल बीनने वाले ठेकेदार के कर्मचारियों के लिए कोई पाबंदी नहीं है। बगीचे को मेंटेन रखना भी जरूरी है। इन कर्मचारियों के प्रवेश पर कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराया जा रहा है, ताकि उन्हें कोरोना से सुरक्षित रखा जा सके।