Unique Records in UP: प्रयागराज का बमरौली डिवीजन बिजली चोरी में पांचवें स्थान पर, जानें अन्य जिलों का हाल
Unique Records in UP पिछले वर्ष प्रयागराज के बमरौली डिवीजन में 22.89 फीसद बिजली चोरी के मामले सामने आए थे जबकि इस वर्ष 37.72 फीसद मामले अब तक सामने आ चुके हैं। यानी पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 14.83 फीसद अधिक बिजली चोरी हुई है।
प्रयागराज, [राजेंद्र यादव]। अभी तक आपने अच्छी उपलब्धि, बेहतर कार्य, उल्लेखनीय योगदान देने वालों के ग्रेड और सम्मान प्राप्त करने, अव्वल होने की बात सुनी होगी। यहां तो बात ही अलग है। उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी का भी रिकार्ड बन गया है। जी हां, प्रदेश के कई ऐसे भी जिले हैं, जिन्होंने बिजली चोरी में अव्वल हैं। इन्हीं में से एक जिला प्रयागराज भी है। यहां का बमरौली डिवीजन का स्थान उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी में पांचवां है। आइए जानें अन्य जिलों का हाल जिनकी रेटिंग टाप फाइव में है।
खास-खास
- 08 उपकेंद्रों पर नहीं रुक पा रही चोरी
- 01 वर्ष तक छापेमारी हुई कम
- 15 फीडर हाईलाइन लॉस वाले
- 14.83 फीसद बिजली चोरी पिछले वर्ष की अपेक्षा बढ़ी।
प्रयागराज के बमरौली डिवीजन में सबसे अधिक बिजली चोरी
करोड़ों रुपये खर्च कर एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) लाइनें बिछाने के बाद भी बिजली चोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। प्रयागराज जिले में बमरौली डिवीजन में सबसे ज्यादा बिजली चोरी होती है। बिजली चोरी में यह डिवीजन पांचवें स्थान पर काबिज है।
बिजली चोरी में अन्य जिलों का भी जानें हाल
प्रदेश में सबसे अधिक बिजली चोरी नोएडा अष्टम डिवीजन में होती है। उसके बाद फिरोजाबाद द्वितीय डिवीजन में, ग्रेटर नोएडा डिवीजन में और बीकेटी लखनऊ डिवीजन होती हैं। यह जानकारी पिछले दिनों समीक्षा के दौरान एमडी ने अधिकारियों को दी। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी न रुकी तो अफसरों पर कार्रवाई होगी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 14.83 फीसद बिजली चोरी बढ़ी है।
बमरौली के 15 फीडरों पर जबरदस्त बिजली चोरी
प्रयागराज शहर में रामबाग, कल्याणी देवी, करैलाबाग, टैगोर टाउन, म्योहाल, बमरौली और नैनी डिवीजन है। इन सभी डिवीजन में बिजली चोरी होती है। हालांकि सर्वाधिक बिजली चोरी बमरौली डिवीजन में हो रही है। इस डिवीजन से संबंधित आठ उपकेंद्र हैं, जिसमें बमरौली नया व पुराना, केंद्रांचल, कानपुर रोड, चौफटका, कसारी-मसारी, झलवा और कालिंदीपुरम शामिल हैं। यहां के 15 फीडरों पर जबरदस्त तरीके से बिजली चोरी हो रही है।
पिछले और इस वर्ष के आंकड़े
पिछले वर्ष इस डिवीजन में 22.89 फीसद बिजली चोरी के मामले सामने आए थे, जबकि इस वर्ष 37.72 फीसद मामले अब तक सामने आ चुके हैं। यानी पिछले वर्ष की तुलना में 14.83 फीसद अधिक। यहां हाईलाइन लास वाले फीडरों को चिह्नित कर संदिग्ध उपभोक्ताओं के घर नियमित जांच करने के निर्देश प्रबंध निदेशक ने दिए हैं।
अधीक्षण अभियंता ने कहा- हाईलाइन लास वाले फीडर चिह्नित होंगे
अधीक्षण अभियंता आरके सिंह की मानें तो कोरोना काल में करीब एक वर्ष तक अभियान बाधित हो गया, जिस कारण बिजली चोरी बढ़ी। हाईलाइन लास वाले फीडरों को चिह्नित कर अब तेजी से कार्रवाई की जाएगी। साथ ही राजस्व वसूली का भी अभियान अलग से चलेगा।
मुख्य अभियंता बोले- अभियान चलाया जाएगा
मुख्य अभियंता विनोद गंगवार ने कहा कि बिजली चोरी पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए हर उपाय किए जा रहे हैं। जो फीडर हाईलाइन लास वाले हैं, वहां तेजी से अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। टीमें भी गठित कर दी गई हैं। प्रवर्तन दल के अधिकारियों से भी वार्ता हुई है।