प्रयागराज में Black Fungal Infection के दो और मरीज मिले, एमडीआइ में हुआ इलाज, नाक के रास्‍ते दिमाग तक पहुंचता है फंगस

Black Fungal Infection ब्लैक फंगस को लेकर चिकित्सकों के सामने एक नई चुनौती आ गई है तो नाक-कान-गला विशेषज्ञ व नेत्र रोग विशेषज्ञ की जिम्मेदारी भी अहम हो गई है। ब्लैैक फंगस के अब तक चार मामले मिल चुके हैं और भी केस बढऩे के आसार हैं।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 12:37 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 12:37 PM (IST)
प्रयागराज में Black Fungal Infection के दो और मरीज मिले, एमडीआइ में हुआ इलाज, नाक के रास्‍ते दिमाग तक पहुंचता है फंगस
Black Fungal Infection यह फंगस नाक के रास्ते दिमाग तक पहुंचता है।

प्रयागराज,जेएनएन। कोविड संक्रमण से इम्युनिटी घटने के चलते म्यूकॉरमाइकोसिस फंगल इन्फेक्शन यानी ब्लैक फंगस बीमारी का खतरा बढऩे लगा है। दो नए लोगों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। इनमें एक महिला और एक पुुरुष को कुछ दिन पहले स्वरूपरानी नेहरू चिकित्साल से कोविड निगेटिव होने पर डिस्चार्ज किया गया था। ब्लैक फंगस को लेकर चिकित्सकों के सामने एक नई चुनौती आ गई है तो नाक-कान-गला विशेषज्ञ व नेत्र रोग विशेषज्ञ की जिम्मेदारी भी अहम हो गई है। ब्लैैक फंगस के अब तक चार मामले मिल चुके हैं, और भी केस बढऩे के आसार हैं।

मनोहरदास नेत्र चिकित्सालय की नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. जागृति राना ने बताया कि बुधवार को ब्लैक फंगस के दो रोगी अस्पताल में इलाज के लिए आए थे। इनमें महिला 14 दिन पहले एसआरएन से डिस्चार्ज हुई थी और पुरुष को एक सप्ताह पहले कोरोना निगेटिव रिपोर्ट आने पर छुट्टी दी गई थी। ये दोनों ही प्रयागराज के रहने वाले हैं। आंखों में सूजन रही। बताया कि इन मरीजों का प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया गया है। बताया कि यह बीमारी दरअसल आंख की नहीं बल्कि साइनस संबंधित है जिसके विशेषज्ञ ईएनटी यानी नाक कान गला रोग के डाक्टर होते हैं। लेकिन ब्लैक फंगस का प्राथमिक असर आंख पर पड़ता है। बताया कि जिसकी इम्युनिटी काफी कमजोर हो जाती है पर उसी पर इस बीमारी का अटैक होता है। उधर एसआरएन के सुपर स्पेशिलिटी सेंटर लेवेल थ्री  कोविड सेंटर के नोडल डा. सुजीत वर्मा ने बताया कि एक मरीज में ब्लैक फंगस की शिकायत दो दिनों पहले ही मिली थी उसके बाद से किसी नए कोविड मरीज में यह देखने को नहीं मिला।

मधुमेह, कैंसर पीडि़त लोग हो सकते हैैं प्रभावित

ब्लैक फंगस से पीडि़त लोगों में इजाफे ने चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ा दी है। कान, नाक, गला विशेषज्ञ डा. एलएस ओझा कहते हैैं कि उन्होंने अब तक ऐसे लक्षण वाले पांच मरीज देखे हैं। वीडियो कॉलिंग के जरिए जरूरी चिकित्सकीय सुझाव दे रहे हैैं। कहा कि आम तौर पर जिनका शरीर कमजोर हो गया हो और जिनमें मधुमेह, कैंसर जैसी समस्या है उन्हेंं यह बीमारी जल्दी प्रभावित करेगी। जो लोग कोविड से तुरंत ठीक हुए हैं अथवा प्रभावित हैं उन्हेंं भी सजग रहना चाहिए। इसकी वजह डा. ओझा स्टेरायड का अधिक प्रयोग भी बताते हैैं।

क्या है म्यूकर माइकोसिस

म्यूकर माइकोसिस फंगल इंफेक्शन है। आम तौर पर यह शरीर में नमी वाले स्थान पर फैलता है। नाक, दिमाग, फेफड़े पर अधिक असर डालता है। यह फंगस नाक के रास्ते दिमाग तक पहुंचता है। हड्डी और त्वचा को भी नुकसान पहुंचाता है और जानलेवा हो सकता है। आंखों की रोशनी भी जा सकती है। एंटी फंगस दवाएं इसमें कारगर हो सकती हैैं, इसका सेवन डाक्टर की देखरेख में किया जाना चाहिए।

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