साइबर सेल के निशाने पर एफसीआइ के दो कर्मचारी, कौशांबी में रिटायर्ड कर्मचारी के खाते से नौ लाख रुपये उड़ाए
शुभ नारायण मंझनपुर स्थित एफसीआइ गोदाम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात थे। जनवरी माह में वह रिटायर हुए। उनके खाते में फंड के लाखों रुपये आए हैं। शुभ नारायण का कहना है कि जून महीने में उनके बैंक खाते से नौ लाख निकाल लिए गए।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पड़ोसी जनपद कौशांबी में मंझनपुर कस्बे में रहने वाले एफसीआइ के पूर्व कर्मचारी के खाते से नौ लाख रुपये ट्रांसफर करने के मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। पता चला कि उनके विभाग के ही दो कर्मचारियों ने डुप्लीकेट सिम हासिलकर यह कारगुजारी की थी। अब वे पुलिस के निशाने पर हैं। उनके बारे में और जानकारी जुटाने के साथ ही मोबाइल नंबर ट्रेस किए जा रहे हैं। यह खबर फैलने पर एफसीआइ के बाकी कर्मचारी भी हैरान हैं।
पैसे निकालने में पेटीएम का किया इस्तेमाल
बलिया जनपद के रहने वाले शुभ नारायण मंझनपुर स्थित एफसीआइ गोदाम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात थे। जनवरी माह में वह रिटायर हुए। उनके खाते में फंड के लाखों रुपये आए हैं। शुभ नारायण का कहना है कि जून महीने में उनके बैंक खाते से नौ लाख निकाल लिए गए। इस बारे में पता चला तो वह घबरा गए। उन्होंने अपना खाता बंद कराते हुए मामले की शिकायत आला अफसरों से की। एएसपी के निर्देश पर मंझनपुर कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि शातिरों ने पीडि़त के खाते में लिंक किए गए मोबाइल नंबर की डुप्लीकेट सिम निकलवा ली थी और एंड्रायड मोबाइल के माध्यम से पेटीएम इंस्टाल कर यूपीआइ कोड का इस्तेमाल कर कई बार में नौ लाख रुपये निकाल लिए। गोपनीय तरीके से मामले की जांच कर रही साइबर सेल टीम ने जब सर्विलांस का सहारा लिया तो पता चला कि एफसीआइ में तैनात दो कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। पीड़ित के मोबाइल पर काल करना और खाते की डिटेल आदि की जानकारी लेने जैसे तमाम अहम तथ्य पुलिस के हाथ लगे हैं। यही नहीं, संदेह के दायरे में आए युवकों से पुलिस टीम ने पूछताछ भी की। बहरहाल पुलिस की इस जांच से एफसीआइ के कर्मियों में अफरा-तफरी का माहौल है।
जल्द किया जाएगा पर्दाफाश
रिटायर हुए एफसीआइ के कर्मचारी के खाते से लाखों रुपये ठगी के मामले में कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। विभागीय कई लोगों से पूछताछ भी की गई है। जल्द ही पूरे मामले का पर्दाफाश कर शातिरों के खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी।
- अखिलेश उपाध्याय, साइबर सेल अधिकारी।