Water Conservation: जलसंरक्षण व प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे प्रतापगढ़ के दो सगे भाई

मानधाता विकास खंड के पूरे तोरई गांव के दो सगे भाइयों ने जलसंरक्षण व प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सामाजिक कार्यकर्ता समाज शेखर व जल योद्धा आर्य शेखर पिछले दो दशक से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 06:00 AM (IST)
Water Conservation: जलसंरक्षण व प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे प्रतापगढ़ के दो सगे भाई
सामाजिक कार्यकर्ता समाज शेखर व जल योद्धा आर्य शेखर पिछले दो दशक से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ जिले के मानधाता विकास खंड के पूरे तोरई गांव के दो सगे भाइयों ने जलसंरक्षण व प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सामाजिक कार्यकर्ता समाज शेखर व जल योद्धा आर्य शेखर पिछले दो दशक से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। 

प्राचीन तालाब को कराया अतिक्रमण से मुक्त

भयहरणनाथ धाम की प्रबंध समिति के महासचिव के रूप में समाज शेखर ने धाम के प्राचीन तालाब के  कराकर जहां संरक्षित किया वहीं बकुलाही पुनरोद्धार संयोजक के रूप में अभियान चलाकर पुनर्जीवन प्रदान किया। समाज शेखर का कहना है कि बकुलाही की प्राचीन धारा में डायवर्जन से पूरी नदी की 178 किमी धारा सदानीरा रहेगी और यह क्षेत्र जल से पूरी तरह संतृप्त रहेगा। समाज शेखर के प्रयास से गत 2015 से निरंतर तालाबों में पानी भरने से लेकर उन्हें अतिक्रमणमुक्त कराने में बड़ी संख्या में लोग अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने आंवला नगरी के गोड़े के निकट मोक्षदा जलधारा को सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा संरक्षित व विकसित किया जा रहा है। 

समाज शेखर ने इन जलाशयों को किया संरक्षित 

- भयहरण नाथ धाम का शिवगंगा तालाब

-रानीगंज तहसील क्षेत्र का चनौरा तालाब

-कुंडा तहसील का वीरबाबा तालाब चौरास 

-पट्टी के पूरे बालकिशुन गांव का तालाब

-मोक्षदा जलधारा को मिला नवजीवन  

जलयोद्धा आर्यशेखर ने सई की अविरलता को चलाया अभियान 

जलयोद्धा आर्यशेखर ने जलपुरुष राजेंद्र सिंह राणा के तरुण भारत संघ में दो वर्षों का प्रशिक्षण लेकर वर्ष 2008 से निरंतर सई की स्वच्छता व अविरलता को लेकर मुहिम चलाते रहे। वर्ष 2009 में रायबरेली से प्रतापगढ़ तक सई नदी के किनारे के गांव-गांव में पैदल अध्ययन यात्रा लेकर गए। वहीं वर्ष 2010 से बेल्हादेवी घाट पर गंगा दशहरा की भव्य शुरुआत कराई, जिसके प्रभाव से सभी घाटों पर भव्य दशहरा मनाया जा रहा है। आर्यशेखर ने जल साक्षरता अभियान प्रदेश के विभन्न क्षेत्रों में चलाया। वहीं आर्यशेखर के नेतृत्व में विभिन्न स्थलों पर जनसहयोग और भागीदारी से प्याऊ लगाकर लोगों की प्यास बुझाने का प्रयास किया। राष्ट्रीय सामाजिक अभियानों में वह जनपद का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके इस कार्य में कुंडा के सहाबपुर के राजेश प्रभाकर सिंह ने भी पूरा सहयोग प्रदान किया। सई तट के गावों का भ्रमण करने के साथ रायबरेली की फैक्ट्री से सई में जाने वाली गंदगी को रुकवाया।

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