फर्जी वेबसाइट बनाने वाले अन्य शातिरों की साइबर क्राइम थाने की पुलिस को है तलाश
साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाने वाले दो शातिरों को गिरफ्तार किया है। अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। फर्जी वेबसाइट बनाकर शातिर बदमाशाें ने लोगों को ठगी का भी शिकार बनाया था।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले गैंग का साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने प्रयागराज में राजफाश किया। सरगना समेत गिरोह के दो गुर्गों की गिरफ्तारी हुई है। उनसे 567 अभ्यर्थियों के आवेदन मिले हैैं। लैपटाप, सात मोबाइल, एक टैबलेट, नौ एटीएम कार्ड की बरामदगी हुई है। बैंक खाते में दो लाख से अधिक रुपये होने की जानकारी सामने आई है। हालांकि गैंग के अन्य सदस्यों की पुलिस तलाश कर रही है। उनके पकड़े जाने पर मामला और साफ होगा।
24178 शिक्षक और कर्मचारियों की भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला
पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाकर 24178 शिक्षक और कर्मचारियों की भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था। शिक्षकों के 17486, स्टाफ के 3800 और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 2892 पदों के लिए वेबसाइट पर 11 सितंबर से 10 अक्तूबर तक आनलाइन आवेदन मांगे गए। शैक्षिक योग्यता क्रमश: परास्नातक, स्नातक और इंटरमीडिएट रखी गई। दो चरणों में लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के माध्यम से नियुक्ति की बात थी। फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने पर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के उपसचिव ने मामले में कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। साइबर क्राइम थाने को भी जांच में लगाया गया था।
सचिन गैंग का सरगना है
प्रभारी निरीक्षक राजीव तिवारी ने हमराहियों के साथ सचिन कुमार उर्फ ललित उर्फ कालू निवासी नगला केवल थाना देहात कोतवाली जनपद एटा और साहिल श्रीवास्तव निवासी छतौना कला लंभुआ थाना चांदा जनपद सुल्तानपुर को गिरफ्तार कर लिया। आइजी केपी सिंह ने बताया कि सचिन गैंग का सरगना है। उसने जो फर्जी वेबसाइट बनाई थी, उसमें ई हटा दिया था। फर्जी वेबसाइट बनाकर बेरोजगार युवक-युवतियों को शिकार बनाया जाने लगा।
पहले भी की 50 लाख की ठगी कर चुके हैं शातिर
फर्जी वेबसाइट बनाकर पहले भी दोनों आरोपित 50 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं। पुलिस को बताया कि उन्होंने सीआरडीओ की फर्जी वेबसाइट बनाकर आराम से लाखों का खेल कर दिया था। अपनी महिला मित्र के खाते में पेमेंट कराते थे। गैंग के अन्य गुर्गों की तलाश की जा रही है।