Fraud: रिटायर किला कर्मचारी से 16 लाख रुपये की ठगी में दो गिरफ्तार, जामताड़ा के गिरोह से निकला कनेक्शन
16 लाख रुपये की आनलाइन ठगी के आरोप में साइबर थाने की पुलिस ने जन सेवा केंद्र संचालक चंद्रभान सिंह यादव और साइबर शातिर मोहन मंडल को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के कब्जे से मोबाइल व सिम कार्ड बरामद हुआ है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शहर में कीडगंज में रहने वाले किला स्थित आयुध भंडार के रिटायर कर्मचारी घनश्याम के खाते से करीब 16 लाख रुपये की आनलाइन ठगी के आरोप में साइबर थाने की पुलिस ने जन सेवा केंद्र संचालक चंद्रभान सिंह यादव और साइबर शातिर मोहन मंडल को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के कब्जे से मोबाइल व सिम कार्ड बरामद हुआ है। चंद्रभान कौशांबी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र स्थित हर्रायपुर गांव का रहने वाला है जबकि मोहन झारखंड के देवघर जिले के खागा का निवासी है। वह साइबर अपराधियों के गढ़ जामताड़ा गैंग का सक्रिय सदस्य है।
अक्तूबर 2020 में निकाला गया था पैसा
पूछताछ में पता चला है कि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से झारखंड के मोहन और कौशांबी चंद्रभान के बीच संपर्क हुआ था। तब चंद्रभान ने मोहन को ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने के लिए कमीशन देने की बात कही, जिसके बाद उसने जन सेवा केंद्र (सीएससी) के जरिए काम शुरू कर दिया। इंस्पेक्टर साइबर थाना राजीव तिवारी का कहना है कि अक्टूबर 2020 में रिटायर किला कर्मचारी घनश्याम के खाते से लगभग 16 लाख रुपये निकाले गए थे। घनश्याम ने अपने एयरटेल नंबर पर पांच सौ रुपये का रिचार्ज किया था, मगर दो बार पैसा कट गया था। वह एयरटेल दफ्तर गए, लेकिन मदद नहीं मिली। तब उन्होंने गूगल से कस्टमर केयर का नंबर लेकर बातचीत की। तभी शातिरों आनलाइन बैंकिग के लिए यूनो एप डाउनलोड करवाकर उनसे ठगी की गई थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि मोहन मंडल के नाम रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए घनश्याम का एकाउंट हैक किया गया था। भेजे गए ईमेल की जांच हुई तो चंद्रभान का नाम प्रकाश में आया, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया।
शातिरों के खाते से जमा करता था बिजली का बिल
साइबर थाने को पूछताछ में यह भी पता चला कि चंद्रभान ने सीएससी को ब्लैक मनी को व्हाइट करने का अड्डा बना लिया था। अगर उसके पास कोई आनलाइन बिजली का बिल जमा कराने के लिए आता था तो उस शख्स से नकद पैसा ले लेता था। फिर झारखंड में बैठे शातिरों के खाते से बिल जमा कर देता था। इसी तरह दूसरे के खाते में पैसा भेजने व अन्य काम करता था। इसके लिए उसे 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था। साइबर अपराधी चंद्रभान से नकद पैसा ले जाते थे, जिसके बाद हिसाब बराबर हो जाता था।