नलकूप आपरेटर भर्ती: राज्य सरकार ने कहा सभी पद भरे जबकि विभाग ने कहा 672 पद खाली

याची अधिवक्ता ने कोर्ट में ट्यूबवेल आपरेटर सेवा नियमावली के हवाले से कहा कि भर्ती में प्रतीक्षा सूची जारी करने का उपबंध है। इसके बावजूद आयोग ने 3210 अभ्यर्थियों की सूची जारी की। राज्य सरकार ने 19 अगस्त 2020 के आदेश से कहा कि कोई पद खाली नहीं बचा है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 09:01 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 09:01 PM (IST)
नलकूप आपरेटर भर्ती: राज्य सरकार ने कहा सभी पद भरे जबकि विभाग ने कहा 672 पद खाली
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार से दो हफ्ते में मांगी सही जानकारी

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से सिंचाई विभाग में 3210 नलकूप आपरेटर भर्ती में खाली बचे पदों के बाबत दो हफ्ते में जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग की तरफ से वरिष्ठ अधिकारी ने सूचित किया है कि भर्ती में 672 पद खाली रह गए है जब कि राज्य सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि विज्ञापित 3210 पदों में से सभी भरे जा चुके हैं। तथ्यात्मक रूप से सरकार की जानकारी गलत लग रही है। सरकार स्थिति स्पष्ट करे। याचिका की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने प्रयागराज के विजय कुमार व 26 अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

याची अधिवक्ता ने कोर्ट में ट्यूबवेल आपरेटर सेवा नियमावली के हवाले से कहा कि भर्ती में प्रतीक्षा सूची जारी करने का उपबंध है। इसके बावजूद आयोग ने 3210 अभ्यर्थियों की सूची जारी की। राज्य सरकार ने 19 अगस्त 2020 के आदेश से कहा कि कोई पद खाली नहीं बचा है जबकि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने 19 अक्टूबर 2020 को कहा कि 672 पद भरने से बचे है।इस पर कोर्ट ने सरकार को स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।

​​​​​डीआइजी जेल लखनऊ से अनुपालन हलफनामा तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शैलेन्द्र कुमार मैत्रेय डीआइजी जेल लखनऊ व अनीता दुबे जेल अधीक्षक सहारनपुर के खिलाफ अवमानना याचिका पर सरकारी वकील से जानकारी मांगी है। विपक्षियों से 24 अगस्त तक अनुपालन हलफनामा मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने ठाकुर सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता धनंजय कुमार मिश्र ने बहस की।इनका कहना है कि याची हेड जेल वार्डर पद से सेवानिवृत्त हुआ। गलत वेतन भुगतान की उसकी ग्रेच्युटी से कटौती की गई। हाईकोर्ट ने इसे गलत माना और रोक लगा दी जिसकी अवहेलना करने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई है।

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