टीबी है दगाबाज, रोग है तो जरूर कराएं इलाज Prayagraj News
टी.बी. का संक्रमण एक दूसरे में श्वांस नली के द्वारा फैलता है। जानवरों के दूध और दुग्ध उत्पादों से भी यह रोग फैलता है। इसलिए कच्चे दूध की बजाए उसे उबालने के बाद ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
प्रयागराज, जेएनएन। क्षयरोग (टी.बी.) जानलेवा बीमारी नहीं बल्कि दगाबाज है। यदि रोग की पहचान हो जाए तो इलाज कराएं। अब पूरी तरह से स्वस्थ होना संभव है। जरूरत सिर्फ इस बात की है कि अधिक दिनों तक खांसी आने पर अस्पताल जाएं और डॉक्टर से परामर्श के बाद दवा का तय कोर्स पूरा करें। इसके लिए तमाम डॉट्स केंद्र भी खुले हैं। सरकारी अस्पताल में इलाज पूरी तरह से निश्शुल्क होता है। पंजीकरण कराने पर मरीज को कोर्स पूरा होने तक हर माह आर्थिक सहायता भी दी जाती है। इलाज में थोड़ी भी लापरवाही बरती तो घातक हो सकता है। टी.बी. से प्रयागराज में अब तक क्या कुछ गुजरा, बता रही है दैनिक जागरण की यह विशेष रिपोर्ट।
ऐसे फैलता है रोग
टी.बी. का संक्रमण एक दूसरे में श्वांस नली के द्वारा फैलता है। जानवरों के दूध और दुग्ध उत्पादों से भी यह रोग फैलता है। इसलिए कच्चे दूध की बजाए उसे उबालने के बाद ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। टी.बी. ही एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के प्रत्येक अंग को एक-एक कर प्रभावित करती है।
छह माह के दवाओं के कोर्स को जरूर पूरा करें
सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय ने बताया कि ज्यादा दिनों तक सर्दी जुकाम और खांसी है तो उसे न तो छुपाएं और न ही मेडिकल स्टोर से दवाएं लेकर खाएं। बल्कि जिला क्षयरोग अस्पताल जाकर नियमित जांच कराएं। टी.बी. पॉजिटिव मिलने पर छह माह तक दवाओं का कोर्स पूरा करें।
10 दिन चलेगा अभियान
जिला क्षयरोग विभाग आज दो जनवरी से 12 तक अभियान चलाकर घर-घर टी.बी. के संभावित रोगियों के सैंपल जांच के लिए एकत्र कराएगा। 383 टीमें जिले भर में काम करेंगी और उनके सुपरविजन के लिए 77 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। जिला क्षयरोग अधिकारी डा. एके तिवारी मॉनिटङ्क्षरग करेंगे।
प्रमुख तथ्य
6644050 है प्रयागराज की जनसंख्या
10 फीसद जनसंख्या में 157 पॉजिटिव मरीज मिले थे अभियान में
20 फीसद यानी 1328810 को संवेदनशील मान होगी जांच
500 रुपये मिलता है टी.बी. रोगी को हर माह
2025 तक भारत को टी.बी. मुक्त बनाने का संकल्प
किस साल कितने मरीज मिले
16148 मरीज 2019 में हुए थे नोटिफाइड
11186 मरीज 2020 में हुए हैं नोटिफाइड
525 मरीज ड्रग रजिस्टेंस के पाए गए थे 2019 में
439 मरीज ड्रग रजिस्टेंस के पाए गए हैं 2020 में
650 लोगों की टी. बी. से मौत हो चुकी है 2019 में
419 लोगों की टी. बी. से मौत हो चुकी है 2020 में