अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट लाभ लेने की चाह में फंसेंगे व्यापारी Prayagraj News

पांच करोड़ रुपये और इससे ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसअीआर-1 और जीएसटीआर-3 बी मासिक भरना होता है। इससे कम वाले व्यापारियों को जीएसटीआर-3 बी मासिक और जीएसटीआर-1 तिमाही दाखिल करना होता है लेकिन किसी भी परिस्थिति में दोनों के रिटर्न में अंतर नहीं होना चाहिए।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 06:00 AM (IST)
अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट लाभ लेने की चाह में फंसेंगे व्यापारी Prayagraj News
जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3 बी की बिक्री में अंतर दिखाने पर नोटिस जारी करके व्यापारियों से जवाब मांगा जाएगा।

प्रयागराज, जेएनएन।  वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ लेने वाले व्यापारी अब फंसेंगे। जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3 बी की बिक्री में अंतर दिखाने पर नोटिस जारी करके व्यापारियों से जवाब मांगा जाएगा। तय समय में जवाब न देने अथवा संतोषजनक न होने पर पंजीयन निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा सकती है।

पांच करोड़ रुपये और इससे ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसअीआर-1 और जीएसटीआर-3 बी मासिक भरना होता है। इससे कम वाले व्यापारियों को जीएसटीआर-3 बी मासिक और जीएसटीआर-1 तिमाही दाखिल करना होता है, लेकिन, किसी भी परिस्थिति में दोनों के रिटर्न में अंतर नहीं होना चाहिए। बावजूद इसके बहुत व्यापारी ज्यादा आइटीसी लेने के फेर में जीएसटीआर-3 बी की तुलना में जीएसटीआर-1 में बिक्री अधिक दिखाते हैं। ऐसे व्यापारियों पर शिकंजा कसने के लिए पिछले महीने जीएसटी के नियम 21 (एफ) में संशोधन कर यह प्राविधान कर दिया गया कि इनके पंजीयन निरस्त किए जा सकते हैं।

यह व्यवस्था एक जनवरी से लागू हो गई। लिहाजा, विभागीय अधिकारी जीएसआर-1 में ज्यादा बिक्री और जीएसटीआर-3 बी में कम बिक्री दिखाने वाले व्यापारियों के ब्योरे खंगालने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि जीएसटीआर-1 में बिक्री दिखाने पर व्यापारी को आइटीसी मिलती है और जीएसटीआर-3 बी में खरीद और बिक्री (दोनों) दिखाने पर विभाग को टैक्स मिलता है। अफसरों का कहना है कि नोटिस जारी होने के 15 दिन में व्यापारियों को जवाब देना होता है।

chat bot
आपका साथी