जनरल इंश्योरेंस की हड़ताल को ट्रेड यूनियनों का समर्थन
जनरल इंश्योरेंस की चारों पब्लिक सेक्टर कंपनियों न्यू इंडिया युनाइटेड इंडिया नेशनल इंश्योरेंस और ओरियंटल इंश्योरेंस में बुधवार को हड़ताल रही। इसकी वजह भारत सरकार द्वारा बजट में किसी एक जनरल इंश्योरेंस के निजीकरण की घोषणा करना रही। हड़ताल का समर्थन ट्रेड यूनियनों ने भी की। यूनियनों के पदाधिकारियों ने सभा को संबोधित कर कर्मचारियों में जोश भरा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : जनरल इंश्योरेंस की चारों पब्लिक सेक्टर कंपनियों न्यू इंडिया, युनाइटेड इंडिया, नेशनल इंश्योरेंस और ओरियंटल इंश्योरेंस में बुधवार को हड़ताल रही। इसकी वजह भारत सरकार द्वारा बजट में किसी एक जनरल इंश्योरेंस के निजीकरण की घोषणा करना रही। हड़ताल का समर्थन ट्रेड यूनियनों ने भी की। यूनियनों के पदाधिकारियों ने सभा को संबोधित कर कर्मचारियों में जोश भरा।
पदाधिकारियों ने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वर्ष का बजट पेश करते हुए दो सरकारी बैंकों, एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण, इंश्योरेंस में एफडीआइ की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसद करने एवं एलआइसी में आइपीओ के जरिए निजीकरण की शुरुआत की घोषणा की थी। इससे समूचे सरकारी वित्तीय क्षेत्र में आक्रोश है, जिसकी वजह से दो दिन बैंकों में हड़ताल थी। बुधवार को जनरल इंश्योरेंस की हड़ताल रही और गुरुवार को एलआइसी में हड़ताल है। वहीं, जनरल इंश्योरेंस के कर्मचारी और अधिकारी कार्यालयों को बंद कराकर मंडलीय कार्यालय पत्थर गिरजाघर के पास पहुंचे तो हड़ताल को समर्थन देने के लिए सीटू से हरिश्चंद्र द्विवेदी, अविनाश कुमार मिश्र, समीर गांगुली, एटक से रामसागर, अनु सिंह, एक्टु से डा. कमल, केंद्रीय कर्मचारी महासंघ से सुभाष चंद्र पांडेय और प्रमोद मिश्र, राज्य कर्मचारी महासंघ से शीतला प्रसाद विश्वकर्मा, बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया से विमल चौधरी, यूपीएमएसआरए से समीर भट्टाचार्य आदि भी पहुंचे। सभी ने हड़ताल के साथ अपने संगठनों की एकजुटता व्यक्त की साथ ही गुरुवार को एलआइसी में होने वाली हड़ताल को पूर्ण समर्थन देने के लिए एलआइसी के मंडल कार्यालय 'जीवन प्रकाश' पहुंचने की अपील की।