Tourism Day 2021: यूपी के प्रतापगढ़ जिले में अवश्‍य आएं, यहां भी पर्यटन संबंधी देखने को है बहुत कुछ

Tourism Day 2021 अयोध्या और प्रयागराज के बीच पडऩे वाला यह स्थल लोगों की आस्था का केंद्र भी है। प्रतापगढ़ के कुंडा में कृपालुजी द्वारा बनवाया गया भक्ति धाम मंदिर भी प्रतापगढ़ की पहचान बढ़ाता है। विदेशी पत्थरों से निर्मित इस धाम को देखने देश-विदेश से लोग आते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 04:41 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 04:41 PM (IST)
Tourism Day 2021: यूपी के प्रतापगढ़ जिले में अवश्‍य आएं, यहां भी पर्यटन संबंधी देखने को है बहुत कुछ
यूपी के प्रतापगढ़ में पर्यटन के लिहाज से बहुत से स्थल हैं। एक बार यहां अवश्‍य आएं और इन्‍हें देखें।

प्रयागराज, राज नारायण शुक्ल राजन। राजे-रजवाड़ों के जिले यूपी के प्रतापगढ़ में पर्यटन के लिहाज से बहुत से स्थल हैं। इनमें से अधिकांश धार्मिक हैं। कई पुरातत्व के नजरिए से अहम हैं। वहां पर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। नगर का नाम जिस देवी के नाम पर पड़ा है वह बेल्हा देवी धाम इसकी पहचान है। यह धाम नगर में सई नदी के किनारे बड़ा रमणीक लगता है। यहां पर पर्यटन विभाग और शासन के प्रयास से काफी कार्य हुआ है। पांच घाट पक्के बने हैं। पूरा परिसर इंटरलांकिंग हो गया है। यहां पर प्रतापगढ़ और आसपास के जिलों से ही नहीं बीच-बीच में विदेशी पर्यटक भी देखे जाते हैं।

अयोध्‍या और प्रयागराज के बीच है यह जिला

अयोध्या और प्रयागराज के बीच पडऩे वाला यह स्थल लोगों की आस्था का केंद्र भी है। प्रतापगढ़ के कुंडा में कृपालुजी द्वारा बनवाया गया भक्ति धाम मंदिर भी प्रतापगढ़ की पहचान में चार चांद लगाता है। विदेशी पत्थरों से निर्मित इस धाम को देखने के लिए देश-विदेश से हजारों लोग आते हैं। यहां पर जन्माष्टमी का उत्सव पूरे प्रदेश में चर्चित रहता है। लालगंज के घुइसरनाथ धाम में भी देखने के लिए बहुत कुछ है। यहां पर पर्यटन विभाग द्वारा सई नदी के तट पर रिवर फ्रंट भी बनाया जा रहा है। दोनों तरफ घाट तेजी से बन रहे हैं। साबरमती रिवर फ्रंट और गोमती रिवर फंड की तर्ज पर इसे विकसित करने की योजना है। इसी के बगल करील का त्रेता युगीन वृक्ष भी यहां आकर्षक है। शनिधाम कुशफरा, देवघाट मोहनगंज, कहला शहीद स्थल, बेलखरनाथ धाम, हौदेश्वरनाथ धाम जैसे दर्जनों स्थल पर्यटन स्थली के रूप में सज रहे हैं।

रमणीक है बुद्ध विहार

नगर के चिलबिला में सई नदी के दूसरे किनारे पर स्थित बुद्ध विहार भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां पर देश-विदेश के बौध साधक आकर साधना करते हैं। बुद्ध पूर्णिमा पर यहां राष्ट्रीय स्तर का आयोजन होता है। जंगल में मंगल करता यह साधना स्थल खास है।

अजगरा में वृक्ष जीवाश्म

जिले के अजगरा में यक्ष-युधिष्ठिर संवाद स्थलहै। यह भी पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां पर देश का पहला ग्रामीण पुरातत्व संग्रहालय भी ज्ञान की अलख जगाए हुए है। यहां पर शोधार्थी भी आते रहते हैं। यहां पर स्थित वृक्ष जीवाश्म शोध का विषय बनता है।

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