जल ही जीवन है का मंत्र दे रहीं अनुराधा, महिलाओं की टोली प्रयागराज में जगा रही पानी बचाने की अलख

अनुराधा करीब पांच वर्षों से जल संचयन के लिए जागरूकता अभियान चला रही हैं। शुरू में उन्होंने यह काम अकेले शुरू किया। धीरे-धीरे उनके साथ मोहल्ले की 8-10 महिलाएं जुड़ गईं। इसके बाद महिलाओं की टोली घर-घर जाकर लोगों खासकर महिलाओं को पानी की बर्बाद रोकने की सीख देने लगी।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 08:07 AM (IST)
जल ही जीवन है का मंत्र दे रहीं अनुराधा, महिलाओं की टोली प्रयागराज में जगा रही पानी बचाने की अलख
समाजसेविका अनुराधा श्रीवास्तव हर किसी को जल संचयन का भी मंत्र देती हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। जल ही जीवन है, इस मंत्र को अपनाने वाली शिवकुटी निवासी समाजसेविका अनुराधा श्रीवास्तव हर किसी को जल संचयन का भी मंत्र देती हैं। इसे उन्होंने अपने जीवन का ध्येय बना लिया है।  अनुराधा करीब पांच वर्षों से जल संचयन के लिए जागरूकता अभियान चला रही हैं। शुरू में उन्होंने यह काम अकेले अपने मोहल्ले से शुरू किया, लेकिन धीरे-धीरे उनके साथ मोहल्ले की ही 8-10 महिलाएं जुड़ गईं।

इसके बाद महिलाओं की टोली घर-घर जाकर लोगों खासकर महिलाओं को पानी की बर्बाद रोकने की सीख देने लगी। जो लोग घरों में सबमर्सिबल लगाकर गाडिय़ों की धुलाई और दरवाजे पर छिड़काव में पानी की बर्बादी करते हैं, उन्हें भी रोका जाता है। वह बताती हैं कि उनके इस काम में मोनी, माया श्रीवास्तव, किरन गोस्वामी, शीला श्रीवास्तव, शांति पांडेय, सुषमा वर्मा आदि सहयोग करती हैं।   

पांच साल पहले उठाया बीड़ा

वह बताती हैं कि जल संचयन के लिए लोगों को प्रेरित करने का बीड़ा उन्होंने पांच साल पहले उस समय उठाया जब किराएदारों को तीन बजे से ही पानी बर्बाद करते हुए देखा करती थीं। बिजली की सेङ्क्षटग करके लोग घरों में सबमर्सिबल लगवा लिए हैं और उसे चालू कर देते हैं, जिससे पानी बहता रहता है। वह बताती हैं कि समाजसेवा से जुड़ी होने के कारण जल संचयन के प्रति लोगों को जागरूक करने में बहुत मदद मिलती है। वह इस काम के लिए क्षेत्रीय पार्षद कमलेश तिवारी को भी अपना प्रेरणास्रोत मानती हैं।

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