विलुप्त हो रही प्रजातियों को बचाने लिए कौशांबी में डाली गंगा में सवा लाख मछलियां

विधायक सिराथू ने कहा कि नदियों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए जलीय जीवों का विशेष महत्व है। जिस प्रकार सरकार हम सब का ध्यान रखती है। इसीॆ तरह नदी का ध्यान रखाना भी सरकार की जिम्मेदारी है। नदी में मछलियों की संख्या को बढ़ाने का कार्यक्रम चल रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 02:43 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 02:43 PM (IST)
विलुप्त हो रही प्रजातियों को बचाने लिए कौशांबी में डाली गंगा में सवा लाख मछलियां
कड़ा में रीवर रैंचिंग कार्यक्रम में जुटे अफसर व जन प्रतिनिधि

प्रयागराज, जेएनएन। गंगा में मछलियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। और यह भी पता चल रहा है कि मछलियों की तमाम प्रजातियां इन दिनों विलुप्त हो रही हैं। इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रदेश में अभियान चलाया गया। कोशांबी में भी तीर्थ क्षेत्र कड़ा घाट पर विधायक सिराथू ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों व अन्य लोगों के बीच आय़ोजित कार्यक्रम के दौरान सवा लाख मत्स्य बीज गंगा में छोड़े। मत्स्य विभाग का कहना है कि यह मछली के बच्चे नदी के पानी को शुद्ध करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

मछलियां जल की शुद्धता बनाए रखती हैं

मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों को जागरूकता के लिए बताया कि मछलियां पानी की शुद्धता को बनाए रखती हैं। कीट पतंगों के साथ ही पानी की गंदगी उनका अहार होती है। लगातार मछलियां पकड़ने से इनकी संख्या कम होती जा रही है। इतना ही नहीं कुछ मछलियों की प्रजाति तो विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं।इसको बचाने के लिए मंगलवार को रीवर रैंचिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मत्स्य विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक सिराथू शीतला प्रसाद ने कहा कि गंगा महज एक नदी नहीं है। यह भारत की जीवन रेखा है। बिना गंगा के भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। इसीलिए हम इसे मां का दर्जा देते हैं। सरकार ने नदी को सम्मान देने के लिए इसी राष्ट्रीय नदी का दर्जा दिया है।

नदियों के संरक्षण में जलीय जीवों का विशेष महत्व

विधायक सिराथू ने कहा कि नदियों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए जलीय जीवों का विशेष महत्व है। जिस प्रकार सरकार हम सब का ध्यान रखती है। इसीॆ तरह नदी का ध्यान रखाना भी सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए नदी में मछलियों की संख्या को बढ़ाने का कार्यक्रम चल रहा है। इसके बाद उन्होंने नदी की मुख्य धारा में पहुंचरक सवा लाख रोहू, कतला व नैन मत्स्य बीज नदी में प्रवाहित किया। उन्होंने लोगों से कहा कि नदी की सुरक्षा के लिए लोग जलीय जीवों को बचाने के लिए आगे आई। इस दौरान मत्स्य निदेशक प्रतिनिधि विपिन त्रिपाठी, अपर निदेशक मत्स्य के प्रतिनिधि शेषनाथ पटेल, सहायक निदेशक मत्स्य आरडी प्रजापति, मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामप्यारे, मत्स्य विकास अधिकारी सुनील सिंह, कुशल सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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