प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज में प्रवेश शुरू होने का हो रहा वक्त लेकिन अब तक नहीं बना रास्ता

इस समस्या को लेकर प्रिंसिपल डा. आर्यदेश दीपक ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया। बात नहीं बनी तो पत्र भी लिखा। डीएम ने नगर पालिका व लोनिवि को अस्थाई तौर पर रास्ता बनाने स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करने को कहा पर अब तक इसका असर नहीं दिखा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 08:20 AM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 08:20 AM (IST)
प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज में प्रवेश शुरू होने का हो रहा वक्त लेकिन अब तक नहीं बना रास्ता
राम वन गमन प्रोजेक्ट में है मार्ग, कालेज तक रात में पहुंचना और दुरूह

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। डा. सोनेलाल पटेल राजकीय मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई होनी है। इसके लिए प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन अब तक यहां तक पहुंचने का रास्ता नहीं बन सका। रास्ता कच्चा व घुमावदार है। ऐसे में छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

लैब और कक्षाओं समेत सारी व्यवस्था हो चुकी है

प्रतापगढ़ के इस मेडिकल कालेज में 100 सीटों पर पढ़ाई की मंजूरी एनएमसी से मिली है। इसके लिए लैब, क्लासरूम से लेकर सारी व्यवस्थाएं हो गई हैं। केंद्र स्तर पर 15 सीटें भरी जाएंगी व बाकी की 85 सीटें राज्य सरकार के स्तर से भरी जाएंगी। कालेज आवंटित होने के बाद छात्र-छात्राएं प्रवेश लेंगे। नीट का परिणाम आने के बाद प्रवेश की प्रक्रिया एक तरह से शुरू हो चुकी है, लेकिन अब भी गायघाट से लेकर कालेज तक का रास्ता नहीं बना। धूल, कंकड़ वाले जिग-जैग रास्ते से होकर रात में वहां पहुंचना मुश्किल होगा। अंधेरा भी डराएगा।

सुनसान स्थान और बाग के बीच से गुजरता है रास्ता

करीब 800 मीटर लंबा रास्ता बीच में निर्जन स्थान से गुजरता है। खेतों व बागों के बीच से होकर जाता है। कच्ची मिट्टी में वाहनों के फंस जाने का खतरा है। कोहरे में तो और भी रास्ता नहीं सूझेगा। इस समस्या को लेकर प्रिंसिपल डा. आर्यदेश दीपक ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया। बात नहीं बनी तो पत्र भी लिखा। डीएम ने नगर पालिका व लोनिवि को अस्थाई तौर पर रास्ता बनाने, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करने को कहा, पर अब तक इसका असर नहीं दिखा। इसमें समस्या की जड़ है राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। यह रास्ता राम वन गमन प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसे एनएच को बनाना है। डीएम ने कहा था कि जब तक मार्ग नहीं बनता, तब तक अस्थाई व्यवस्था कर दी जाए, पर ऐसा नहीं हो सका। प्रवेश लेने वालों में दर्जनों छात्राएं भी होंगी। उनके लिए ऐसे मार्ग से कालेज आना-जाना न केवल दुरूह होगा, बल्कि असुरक्षित भी हो सकता है। इस बारे में प्राचार्य डा. आर्यदेश दीपक का कहना है कि प्रशासन से अनुरोध किया गया है। फिर से कहा जाएगा।

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