इलाहाबाद के वकील राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड में प्रतापगढ़ के तीन शूटर्स गिरफ्तार

वकील राजेश श्रीवास्तव की हत्या के पीछे होटल क्राउन प्लाजा के मालिक प्रदीप जायसवाल का हाथ था। प्रदीप ने राजेश की हत्या नगर निगम के नाले पर अवैध कब्जे के विरोध में करवाई थी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Fri, 25 May 2018 04:44 PM (IST) Updated:Fri, 25 May 2018 04:49 PM (IST)
इलाहाबाद के वकील राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड में प्रतापगढ़ के तीन शूटर्स गिरफ्तार
इलाहाबाद के वकील राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड में प्रतापगढ़ के तीन शूटर्स गिरफ्तार

इलाहाबाद (जेएनएन)। संगमनगरी के साथ ही राजधानी लखनऊ को हिला देने वाले वकील राजेश हत्याकांड में आज यूपी एसटीएफ को 15 दिन बाद ही बड़ी सफलता मिली। इलाहाबाद के होटल क्राउन प्लाजा के मालिक प्रदीप जायसवाल के कहने पर इन शूटर्स ने दस मई को दिन में करीब दस बजे वकील राजेश श्रीवास्तव की हत्या की थी।

पुलिस ने घटना बताया कि वकील राजेश श्रीवास्तव की हत्या के पीछे होटल क्राउन प्लाजा के मालिक प्रदीप जायसवाल का हाथ था। प्रदीप ने राजेश की हत्या नगर निगम के नाले पर अवैध कब्जे के विरोध में करवाई थी। इलाहाबाद के कर्नलगंज थाना क्षेत्र के मनमोहन पार्क के पास 10 मई को कचहरी जा रहे वकील राजेश श्रीवास्तव की हत्या के मामले में आज पुलिस ने बड़ा खुलासा करने के साथ ही तीन शूटर्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक विशाल ने ही राजेश श्रीवास्तव को गोली मारी थी। वहीं उसका एक अन्य साथी रईस उस समय बाइक चला रहा था। पुलिस ने मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। अभी भी दो आरोपी फरार हैं।

पुलिस ने बताया कि जेल में बंद होटल मालिक प्रदीप जायसवाल के करीबी घनश्याम अग्रहरि और अंजनी लाल ने राजेश श्रीवास्तव की हत्या के लिए शूटरों का इंतजाम किया था। पुलिस ने यही भी बताया कि अंजनी लाल श्रीवास्तव इस प्रकरण में शामिल छोटा राजन और श्लोक पंडित का करीबी है। अंजनी लाल श्रीवास्तव ने ही शमशाद के जरिये ही शूटरों को वकील राजेश श्रीवास्तव की हत्या की सुपारी दी थी। पुलिस ने शूटर विशाल के पास से .315 बोर के दो तमंचे, दो खोखे, छह जिंदा कारतूस के साथ ही तीन मोबाइल को बरामद किया है।

प्रतापगढ़ से पकड़े गए शूटर विशाल ने ही राजेश को गोली मारी थी। उसका साथी शूटर रईस बाइक चला रहा था। अंजनी लाल श्रीवास्तव के जरिये ही शूटरों को तीन लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि राजेश श्रीवास्तव को गोली मारने के लिए शूटरों को तीन दिन का समय लगा। तीन दिनों तक शूटर राजेश श्रीवास्तव को गोली मारने के लिए कई कोशिशें की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। शमशाद लगातार तीन दिनों तक राजेश श्रीवास्तव के घर के बाहर से मुखबिरी कर रहा था।

एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने यूपी एसटीएफ के साथ ही पुलिस तथा क्राइम ब्रांच की उल्लेखनीय सफलता की प्रसंशा की है। 

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