वजह भले अलग लेकिन जिदंगी खत्म करने का तरीका एक, प्रयागराज में तीन लोगों ने दी जान
मस्या से लड़ने की बजाय हारकर जीवन खत्म करने की घटनाएं रोज हो रही हैं। बीते 24 घंटे के दौरान शहर में अलग-अलग कारणों से दो सेल्समैन और एक महिला ने भी अपनी इहलीला समाप्त कर ली। मुट्ठीगंज कीडगंज और अतरसुइया थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जरा सी बात या परेशानी से हाकर मौत गले लगाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। समस्या से लड़ने की बजाय हारकर जीवन खत्म करने की घटनाएं रोज हो रही हैं। बीते 24 घंटे के दौरान शहर में अलग-अलग कारणों से दो सेल्समैन और एक महिला ने भी अपनी इहलीला समाप्त कर ली। मुट्ठीगंज, कीडगंज और अतरसुइया थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है। तीनों परिवारों में मातम छाया हुआ है।
किस बात का था गम, नहीं जानते स्वजन
कीडगंज के नई बस्ती मोहल्ले में रहने वाले 20 साल के अभिषेक जायसवाल ने मंगलवार रात गमछे का फंदा बनाया और उसे पंखे में बांधकर फांसी पर लटक गया। बुधवार की सुबह बूढ़ी मां जानकी देवी ने बेटे को हालत में देखा तो रोने लगीं। उनकी चीख-पुकार सुन परिवार के दूसरे सदस्य वहां पहुंचे। फिर पुलिस को खबर दी। पुलिस ने कमरे में छानबीन की, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। चाचा गुरु प्रसाद ने बताया कि अभिषेक एक कपड़े की दुकान पर सेल्समैन का काम करता था। उसकी शादी नहीं हुई थी। पिता राम चंद्र की मौत पहले ही हो चुकी है। खुदकशी का कारण साफ नहीं है, मगर पारिवारिक वजह मानी जा रही है। दूसरी घटना में मुट्ठीगंज निवासी 40 वर्षीय अरुण शर्मा बुधवार सुबह साड़ी का फंदा बनाकर पंखे के चुल्ले से लटक गया। भैरों प्रसाद का बेटा अरुण कटरा स्थित एक कपड़े की दुकान में सेल्समैन का काम करता था। इंस्पेक्टर इफ्तेखार अहमद का कहना है कि अरुण की पत्नी पुष्पा अपने बच्चों के साथ कुछ दिन पहले मायके चली गई थी। बुधवार सुबह भतीजा आदित्य चाय लेकर पहुंचा तो उसे घटना की जानकारी हुई। परिवार वाले कारण नहीं बता पा रहे हैं।
पति की मौत से दुखी महिला ने दी जान
इसी तरह अतरसुइया थाना क्षेत्र के रानी मंडी मोहल्ले में रहने वाली 50 वर्षीया अलका खन्ना ने भी फंदे पर लटककर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। उसके पति राकेश की दो साल पहले मौत हो गई थी, जिसके बाद अलका की मानसिक स्थिति ठीक नहीं चल रही थी। वह घर पर बेटे रोहित के साथ रहती थी। पिता के बाद मां की भी मौत से बेटे को आघात पहुंचा है तो रिश्तेदार भी गमगीन हो गए।