बिजली विभाग की लापरवाही से तीन दिन में तीन लोगों की गई जान, प्रयागराज के अफसर उदासीन

लालगोपालगंज बारा और करछना के अरई गांव में टूटे तारों की सूचना स्थानीय उपकेंद्र के अधिकारियों को ग्रामीणों ने दी थी बावजूद इसके टूटे तारों को ठीक नहीं कराया गया और एक के बाद एक हादसे होते चले गए। ग्रामीण आक्रोशित हुए तो पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 08:43 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 08:43 AM (IST)
बिजली विभाग की लापरवाही से तीन दिन में तीन लोगों की गई जान, प्रयागराज के अफसर उदासीन
टूटे तारों से हादसों में लोगों की जान जा रही है लेकिन बिजली विभाग के अधधिकारी उदासीन बने हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जिले में बिजली विभाग की लापरवाही से लगातार घटनाएं हो रही हैं। तीन दिन के भीतर तीन लोगों की मौत हो चुकी है। एसडीओ और जेई तक नामजद हो चुके हैं, बावजूद इसके लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। टूटे तारों की सूचना मिलने के बाद भी मरम्मतीकरण करने में विभागीय अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं और इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

लालगोपालगंज, बारा और करछना में तीन मौतें

लालगोपालगंज के पाठक का पुरवा गांव निवासी सचिन पुत्र बसंत लाल शुक्रवार की भोर में खेत में टूटकर गिरे बिजली के तार के चपेट में आ गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। पांच मवेशियों की भी जान चली गई थी। मामले में एसडीओ और जेई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी प्रकार बारा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सोनबरसा के मजरा पूरे गजा निवासी सुनील कुमार सिंह पटेल पुत्र भोला नाथ सिंह की भी मौत शुक्रवार को करंट के जद में आने से हो गई थी। खेत की तरफ जाते समय बिजली के खंभे में उतरे करंट की चपेट में वे आ गए थे।

मौतों को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा भी किया

रविवार दोपहर करछना थाना क्षेत्र के अरई गांव निवासी राजनाथ की दस वर्षीया पुत्री शिवांगी की मौत बिजली के खंभे में उतरे करंट से हो गई। इन मौताें को लेकर जमकर हंगामा भी हुआ। लालगोपालगंज में हुई घटना के मामले में नवाबगंज थाने में एसडीओ व जेई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई तो वहीं अरई गांव में शिवांगी की मौत के मामले में करछना थाने में जेई धीरज बंसल के खिलाफ एफआइआर लिखी गई।

टूटे तारों की दी गई थी सूचना

लालगोपालगंज, बारा और करछना के अरई गांव में टूटे तारों की सूचना स्थानीय उपकेंद्र के अधिकारियों को ग्रामीणों ने दी थी, बावजूद इसके टूटे तारों को ठीक नहीं कराया गया और एक के बाद एक हादसे होते चले गए। यही वजह रही कि घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे और पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी।

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