भाजपा नेता को गोली मारने में पूर्व प्रधान समेत तीन पर मुकदमा

भाजपा नेता अवधेश मौर्या को गोली मारने के मामले में झूंसी पुलिस ने पूर्व प्रधान समेत तीन पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 12:22 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 12:22 AM (IST)
भाजपा नेता को गोली मारने में पूर्व प्रधान समेत तीन पर मुकदमा
भाजपा नेता को गोली मारने में पूर्व प्रधान समेत तीन पर मुकदमा

झूंसी/प्रयागराज : भाजपा नेता अवधेश मौर्या को गोली मारने के मामले में झूंसी पुलिस ने पूर्व प्रधान अख्तर उर्फ बब्बू, इरफान व साबिर के खिलाफ मुकदमा कायम किया है। पुलिस ने अवधेश के पिता सुभाष की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की है, लेकिन मंगलवार रात तक किसी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं कर सकी। उधर, स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती अवधेश की हालत स्थिर बताई जा रही है। गांव में व्याप्त तनाव को देखते हुए फोर्स तैनात की गई है।

झूंसी थाना क्षेत्र के ईसीपुर गांव निवासी अवधेश कुमार मौर्या भारतीय जनता युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष है। वह फर्नीचर का भी कारोबार करते हैं। सोमवार देर रात वह घर से कारखाना वाले मकान में जा रहे थे, तभी रास्ते में उन्हें गोली मार दी गई। कमर के ऊपर गोली लगने से वह जमीन पर गिर पड़े तो हमलावर भाग निकले। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल अवधेश को अस्पताल में भर्ती कराया। घटना से नाराज परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर दिया था, मगर पुलिस ने किसी तरह समझाकर शांत करा दिया था। मंगलवार सुबह पिता ने पुरानी रंजिश में गोली मारने का आरोप लगाते हुए तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। अभियुक्त जमीन की खरीद फरोख्त का काम करते हैं। पहले मिली से जान से मारने की धमकी-

भाजपा नेता को गोली मारने से कई दिन पहले ही जान से मारने की धमकी दी गई थी। मगर पुलिस ने उस मामले में कार्रवाई नहीं की थी।

अवधेश के चाचा विनोद कुमार का आरोप है कि तीन सितंबर की शाम उनका भतीजा चाय पीने जा रहा था। तभी सईद अहमद उर्फ हाफिज ने कार से टक्कर मारी थी। विरोध पर अवधेश की पिटाई की गई थी। फोन करके विपक्षियों ने बब्बू को बुला लिया था, जिसने गाली-गलौज करते हुए गोली मारने की धमकी दी थी। उस मामले में शिकायत दी गई थी, लेकिन पुलिस ने बब्बू के साथी अजय भारतीया की तहरीर अवधेश के खिलाफ मारपीट व एससी-एसटी का केस दर्ज किया था। स्वजनों का कहना है कि पुलिस अगर पहले दी गई तहरीर को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की होती तो उस पर जानलेवा हमला न होता।

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