यह है प्रतापगढ़ में 400 साल प्राचीन अमरेश्वर नाथ शिव मंदिर, भोले बाबा के भक्त जुटते हैं यहां

अमरेश्वर नाथ प्राचीन शिव मंदिर की स्थापना लगभग से 400 वर्ष अमरगढ़ रियासत के राजा रणविजय ङ्क्षसह के द्वारा की गई थी। राजा रणविजय सिंह के पुत्र विजय सिंह विजय सिंसह के पुत्र राजा अमर सिंह जिनके नाम से अमरगढ़ बाजार जानी जाती है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 06:40 AM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 07:21 AM (IST)
यह है प्रतापगढ़ में 400 साल प्राचीन अमरेश्वर नाथ शिव मंदिर, भोले बाबा के भक्त जुटते हैं यहां
काफी प्राचीन होने के कारण यह मंदिर लोगों के आस्था का केंद्र है

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अमरेश्वर नाथ प्राचीन शिव मंदिर पट्टी ढकवा मार्ग के अमरगढ़ बाजार में राजाबाजार मार्ग पर स्थित है। काफी प्राचीन होने के कारण यह मंदिर लोगों के आस्था का केंद्र है। यहां पर भगवान शिव की आराधना विधिविधान से की जाती है।

मंदिर का इतिहास

अमरेश्वर नाथ प्राचीन शिव मंदिर की स्थापना लगभग से 400 वर्ष अमरगढ़ रियासत के राजा रणविजय ङ्क्षसह के द्वारा की गई थी। राजा रणविजय सिंह के पुत्र विजय सिंह, विजय सिंसह के पुत्र राजा अमर सिंह, जिनके नाम से अमरगढ़ बाजार जानी जाती है।

वर्ष 2002 में शर्मा बंधुओं द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया गया था। बाद में मंत्री मोती सिंह द्वारा दस लाख रुपए विधायक निधि से मिलने के बाद इसका सुंदरीकरण कराया गया।

मंदिर की विशेषता

इस मंदिर पर प्रत्येक वर्ष जन कल्याण के लिए पूजा पाठ, जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि पर मेला लगता है। प्रत्येक वर्ष के शुभारंभ में रामायण का पाठ किया जाता है। यहां आने वाले सभी शिव भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।

पुजारी का यह है कहना

भगवान शिव को समर्पित अमरेश्वरनाथ प्राचीन शिव मंदिर परिसर में तीन मंदिर है। भगवान भोलेनाथ, हनुमान जी, एवं शनिदेव का प्रत्येक वर्ष सावन, मलमास के महीने में पूरे माह पूजन अर्चन होता है। महाशिवरात्रि को यहां पर मेला आयोजित किया जाता है जिसमें क्षेत्र के लोग सभाजीत आकर पूजन अर्चन करते हैं। यहां आने वाले सभी शिव भक्तों की मनोकामना भगवान भोलेनाथ पूरा करते हैं।

बिंदेश्वरी प्रसाद शर्मा, पुजारी

व्यवस्था की है जरूरत

इस मंदिर में धर्मशाला, पानी की व्यवस्था एवं लाइट की व्यवस्था समुचित ढंग से नहीं है। इसके कारण भक्त जब आते हैं तो यहां पर बहुत परेशानी होती है। मंदिर के रखरखाव के लिए पुजारी के रहने की भी व्यवस्था नहीं है। मंदिर में लाइट की व्यवस्था न होने से अंधेरा व्याप्त रहता है, जिससे सावन के महीने में शिव भक्तों को काफी परेशानी होती है। पर्यटन विभाग द्वारा इसके सुंदरीकरण के लिए 55 लाख रुपए स्वीकृत किया गया था, जो अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। -प्रदीप श्रीवास्तव, व्यवस्थापक

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