COVID-19 की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होने की जताई जा रही संभावना, जानें इसका कारण

कोरोना की तीसरी लहर के बारे में वैज्ञानिकों और भविष्यवेत्ताओं का कहना है कि यह इसी साल अक्टूबर के महीने में आ सकती है। वहीं डॉक्टरों का मत है की कोरोना का अगला कहर भी 2022 के मार्च महीने में मौसम बदलने पर ही होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 10:29 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 10:29 AM (IST)
COVID-19 की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होने की जताई जा रही संभावना, जानें इसका कारण
कोरोना वायरस की तीसरी लहर से अपने बच्‍चों को बचाकर रखना होगा। डॉक्‍टरों की सलाह पर अमल करें।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर के बाद दुनिया को तीसरी लहर की आशंका सता रही है। यह विपदा कब आएगी इसको लेकर कोई एकमत नहीं है लेकिन यह जरूर कयास लगाया जा रहा है कि उससे बच्चों पर कहर ज्यादा होगा। हालांकि इसमें भी वही बच्चे सुरक्षित रह पाएंगे, जिनकी इम्युनिटी स्ट्रांग रहेगी और जो कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे।

कोरोना की तीसरी लहर पर दो तरह के मत

कोरोना की तीसरी लहर के बारे में वैज्ञानिकों और भविष्यवेत्ताओं का कहना है कि यह इसी साल अक्टूबर के महीने में आ सकती है। वहीं डॉक्टरों का मत है की कोरोना का अगला कहर भी 2022 के मार्च महीने में ही होगा। क्योंकि उसी समय मौसम बदलता है और सर्दी से गर्मी के मौसम में बदलाव के दौरान ही संक्रामक बीमारी फैलती है।

तीसरी लहर से निपटने के लिए चिकित्‍सा संसाधन दोगुने करने की कवायद

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका प्रबल होने पर सर्वोच्च न्यायालय से लेकर उत्तर प्रदेश शासन तक कहा जा चुका है कि इससे निपटने की तैयारी कर ली जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो पिछले दिनों यह तक कहा कि चिकित्सा संसाधन तीसरी लहर से पहले दोगुने कर लिए जाएं।

15 साल तक के बच्‍चों के अधिक प्रभावित होंगे

कोरोना की तीसरी लहर से 15 साल तक के बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे, इस संबंध में डॉक्टर नीलम सिंह का कहना है कि बच्चों का अभी टीकाकरण नहीं हुआ है। कमजोर बच्चे, खासकर किसी न किसी बीमारी से ग्रसित बच्चों को घर से बाहर जाने से रोकना होगा। इम्युनिटी स्ट्रांग होने के बावजूद कोरोना की दूसरी लहर में भी वायरस की चपेट में आए हैं। टीके न लगे होने के कारण ही तीसरी लहर उनके लिए खतरनाक होगी।

जानें, फिजीशियन की सलाह

फिजीशियन डॉक्टर मनोज माथुर को भी बच्चों के मामले में अनुभव है। कहते हैं कि जंक फूड और फास्ट फूड के आदी हो चुके बच्चों की इम्युनिटी काफी कमजोर मिल रही है। ऐसे बच्चों पर तीसरी लहर विपरीत प्रभाव डालेगी। लिहाजा तीसरी लहर से पहले जब तक टीका नहीं आ जाता तब तक प्रोटीन रिच खानपान से भी कमजोर इम्युनिटी वाले बच्चों के सेहत दुरुस्त कर लें।

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