नए ठिकाने पर लग गया इन बतखों का मन, एसपी प्रतापगढ़ आवास से भेजा गया कंपनी बाग
नए एसपी सतपाल अंतिल ने इन बतखों को कंपनी बाग में भेजवा दिया। नए ठिकाने पर पहले तो कुछ दिन तक गुमसुम रहीं लेकिन अब उन्हें नए साथी मिल गए हैं उनके स्वभाव में परिर्वतन भी आ रहा है। सुबह और शाम पार्क में लोग इन्हें प्यार से पुचकारते हैं
प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। पहले पुलिस अधीक्षक आवास पर आधा दर्जन से अधिक बतख पाले गए थे। नए एसपी सतपाल अंतिल ने इन सभी बतखों को कंपनी बाग में भेजवा दिया। नए ठिकाने पर पहले तो कुछ दिन तक गुमसुम रहीं, लेकिन अब उन्हें नए साथी मिल गए हैं, उनके स्वभाव में परिर्वतन भी आ रहा है। सुबह और शाम पार्क में लोगों की चहल-पहल बढ़ जाती है और लोग इन्हें प्यार से पुचकारते हैं। धीरे-धीरे नए साथी पाकर अब इनका मन कंपनी बाग में लगने लगा है। कंपनी बाग में दर्जन भर कबूतरों को भी लोगों ने अपने घरों से यहां पर शिफ्ट कर दिया है। नगर पालिका इनकी देखरेख कर रही है।
बतखों के लिए गेंहू, चना, ब्रेड लाते हैं मार्निंग वाकर्स
शहर के कंपनी बाग में खरगोश व बत्तख की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है। पहले कंपनी बाग में बतख की संख्या दस थी। जो अब बढ़कर 25 हो गई है। शहर के सिविल लाइन, सदर बाजार व अन्य वार्ड के कुछ लोगों ने अपनी-अपनी बतखों को कंपनी बाग में लाकर छोड़ दिया। इसी तरह खरगोश की संख्या भी पांच से बढ़कर दस हो गई है। इन बतखों का नाम हीरा है। ऐसा लगता है कि वह एक-दूसरे से परिचित हैं। सुबह व शाम यहां सैर करने आने वाले लोग जब आते हैं तो बतखों को उनकी चहलकदमी अच्छी लगती है। लोग उन्हें प्यार से गेहूं, ब्रेड, चना और बिस्किट खिलाते हैं। वहीं, बहुत से लोग खरगोशों को गाजर, चुकंदर व घास खिलाना पसंद करते हैं।
उड़ा दिए गए दर्जन भर कबूतर
कंपनी बाग में पहले दर्जन भर कबूतर पाले गए थे। काफी सालों तक उनकी देखरेख हुई। माह भर पहले उन सभी कबूतरों को छोड़ दिया गया।
नगर पालिका अपने श्रोत से इनकी देखभाल कर रही है। समय-समय पर इनका इलाज भी कराया जाता है। यह कंपनी बाग की सुंदरता को बढ़ा रहे हैं।
- मुदित सिंह, ईओ नगर पालिका