बच्ची के सामने थी मौत, दहशत में चीखते रहे माता-पिता, प्रयागराज जंक्शन का मंजर देख सब थे खौफजदा

राम रहीम और उनकी पत्नी समेत अन्य लोग रुक गए लेकिन बच्ची सीमा को गोद में उठाकर उसकी मौसी ने चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश की। बोगी के गेट पर पैर फिसला तो मौसी के हाथ से छूटकर सीमा प्लेटफार्म से नीचे रेलवे ट्रैक पर जा गिरी।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 02:37 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 03:44 PM (IST)
बच्ची के सामने थी मौत, दहशत में चीखते रहे  माता-पिता, प्रयागराज जंक्शन का मंजर देख सब थे खौफजदा
जीआरपी के जवानों ने चेन पुलिंग कराने के बाद उसे मौत के मुंह से बाहर खींच लिया।

​​​​​प्रयागराज, जेएनएन। जाको राखे साइयां मार सके न कोय...। यह कहावत है तो बेहद पुरानी है लेकिन अक्सर ऐसी घटनाएं होती है जिनमें ऐसा लगता है कि बस भगवान ने ही हाथ रख दिया वरना कोई सूरत नहीं थी बचने की। शनिवार दोपहर प्रयागराज रेलवे जंक्शन पर भी ऐसा ही वाकया हुआ जिसमें चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश में महिला के हाथ से छूटी बालिका प्लेटफार्म से नीचे रेलवे ट्रैक पर जा गिरी। यह बच्ची रफ्तार पकड़ रही ट्रेन और प्लेटफार्म की दीवार के बीच चिपकी रही, उसकी जान खतरे में थी। सच तो यह है कि ऐसी घटनाओं में कई लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन वह एकदम सलामत रही और जीआरपी के जवानों ने चेन पुलिंग कराने के बाद उसे मौत के मुंह से बाहर खींच लिया।

सहमा था प्लेटफार्म पर मौजूद हर शख्स

ऐसा खौफनाक वाकया किसी के भी शरीर में सिहरन ला देगा। पड़ोसी जनपद रीवा के जवा इलाके में बखरवार गांव निवासी राम रहीम कोल परिवार सहित राजस्थान के जोधपुर में रहकर मजदूरी करते हैं। इसके सहारे ही उनके कुनबे का गुजारा होता है। कोरोना की तीसरी लहर फैलने पर वह भी गांव लौट आए थे। अब महामारी का कहर कुछ थमा और कामकाज शुरू हुआ तो राम रहीम ने रोजगार के लिए जोधपुर वापस जाने का फैसला किया। शनिवार सुबह वह पत्नी पूनम, पांच साल की बेटी सीमा समेत कुछ रिश्तेदारों व गांव के कुछ लोगों के साथ रीवा से रवाना होकर प्रयागराज रेलवे जंक्शन पहुंचे। तकरीबन 12.30 बजे प्लेटफार्म नंबर एक पर उन सबके पहुंचने तक में हावड़ा से बीकानेर जाने वाली ट्रेन चल दी। उन्हें जनरल बोगी में बैठना था लेकिन पास पहुंचने तक में ट्रेन की गति तेज हो चुकी थी। राम रहीम और उनकी पत्नी समेत अन्य लोग रुक गए लेकिन बच्ची सीमा को गोद में उठाकर उसकी मौसी ने चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश की। बोगी के गेट पर पैर फिसला तो मौसी के हाथ से छूटकर सीमा प्लेटफार्म से नीचे रेलवे ट्रैक पर जा गिरी।

कुछ दूरी से गुजर गई मौत और हुआ चमत्कार

प्लेटफार्म की दीवार से सटकर रो रही बच्ची सीमा से जरा सी दूरी पर थी मौत यानी रफ्तार पकड़ती ट्रेन। यह मंजर देख वहां मौजूद हर शख्स के रोंगटे खड़े हो गए। बच्ची के माता-पिता तो रोने चीखने लगे। बच्ची की जरा सी हरकत उसके लिए जानलेवा साबित होने वाली थी। तभी वहां जीआरपी के एसएसआइ सुधीर पांडेय, एसआइ अजीत शुक्ला और प्लेटफार्म डयूटी पर तैनात एसआइ ममता यादव के साथ पहुंच गए। बच्ची की जान खतरे में देख उन्होंने ट्रेन के यात्रियों को चेन खींचने का इशारा किया। एक यात्री ने चेन खींची तो ट्रेन रुकी और रो रही बच्ची को जीआरपी के सब इंस्पेक्टर ने सुरक्षित ऊपर उठा लिया। तब जाकर उसके माता-पिता और अन्य लोगों ने राहत की सांस ली। सबने रेलवे पुलिस का आभार जताया तो उनका कहना था कि यह तो बस ऊपरवाले का चमत्कार है...। फिर उसी ट्रेन से बच्ची और उसके परिवार को जोधपुर के लिए रवाना कर दिया गया। 

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