प्रियंका गांधी से बोलीं पीड़ित महिलाएं, दीदी... अब त घरा म दीया-बाती के जलावे वालेन न बचेन
कार से उतरते ही सुरक्षा के घेरे में लिपटीं प्रियंका सीधे घटनास्थल से सटे पशु चिकित्सा केंद्र परिसर में पहुंचीं। यहां पहले से चटाई पर मृतकों के स्वजन बैठे थे। हाथ जोड़कर प्रियंका ने जैसे ही चटाई पर कदम रखा परिवार के सदस्य पैर से लिपटकर रोने लगे।
गुरुदीप त्रिपाठी, प्रयागराज। दिन भर गहमागहमी के बीच सूर्यदेव अस्त हो चुके थे। शुक्रवार शाम ठीक 05:20 बजे प्रियंका का काफिला घटनास्थल पहुंचा। कार से उतरते ही सुरक्षा के घेरे में लिपटीं प्रियंका सीधे घटनास्थल से सटे पशु चिकित्सा केंद्र परिसर में पहुंचीं। यहां पहले से चटाई पर मृतकों के स्वजन बैठे थे। हाथ जोड़कर प्रियंका ने जैसे ही चटाई पर कदम रखा परिवार के सदस्य पैर से लिपटकर रोने लगे।
अपनत्व का बोध कराते बैठ गई चटाई पर
हालात तो ऐसे बन पड़े की प्रियंका भी इस क्षण भावुक हो गईं। उन्होंंने उन करुणा भरे हाथों को अपने हाथों में थाम लिया। कंधे पर हाथ रखकर अपनत्व का बोध कराते हुए उनके बीच चटाई पर बैठ गईं। फिर शुरू हुआ बातों का सिलसिला। पलकों को नीचे झुकाए बैठीं प्रियंका ने जब परिवार के सदस्यों की महिलाओं की तरफ निहारा तो महिलाएं भी एक-एक कर पूरे घटनाक्रम को बताने लगीं। ऐसा लग रहा था मानों घर का मुखिया हादसे के बाद देरी से पहुंचा हो। महिलाओं ने बताया दीदी, हम लोग रोज कमाने-खाने वाले हैं। पुलिस को पूर्व में दिए गए शिकायती पत्र भी दिखाए। प्रियंका ने पूछा यह सब हुआ कैसे। तो महिलाओं ने सारी कहानी बताई। आरोपितों की बर्बर दास्तां भी सुनाई। अपने मोबाइल में कैद कुछ वीडियो भी प्रियंका को दिखाए।
अपना दल विधायक के साथ ही पुलिस की शिकायत प्रियंका दीदी से
शिकायती लहजे में अपना दल के विधायक जमुना प्रसाद सरोज के उस बयान को भी बताया, जिसमें उन्होंने परिवार से कहा था की दुष्कर्म हुआ, आपने देखा क्या? साथ ही पुलिस की करतूत को भी बताया कि किस तरह थाने में उनकी गरीबी की मजाक उड़ाया गया। टूटते-फूटते शब्दों में बस इतना ही कहा कि दीदी... अब त घरा म दीया-बाती के जलवइयव न बचेन। प्रियंका 05:20 से 05:55 तक केवल उनकी बातों को सुनती रहीं और बीच में कुछ सवाल भी पूछतीं रहीं। इसके बाद पत्रकारों से वार्ता कर वह परिवार से विदा लेकर एयरपोर्ट से रवाना हो गईं।