देश के सबसे लंबे व्यक्ति को एक अदद दुल्हन की तलाश, जानिए क्‍यों प्रतापगढ़ के धर्मेंद्र की तमन्‍ना सीएम योगी से मिलने की है

प्रतापगढ़ के रहने वाले देश के सबसे लंबे इंसान धर्मेंद्र को अब अपना घर बसाने की इच्छा है। शादी का प्रस्ताव आता है और अधिक लंबाई आड़े आ जाती है। फिर भी लंबे कद-काठी के धर्मेंद्र को पूरी आशा है कि एक दिन उनके मन की मुराद जरूर पूरी होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 08:14 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:21 AM (IST)
देश के सबसे लंबे व्यक्ति को एक अदद दुल्हन की तलाश, जानिए क्‍यों प्रतापगढ़ के धर्मेंद्र की तमन्‍ना सीएम योगी से मिलने की है
धर्मेंद्र यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलने लखनऊ गए थे, लेकिन उन्हें मुलाकात का मौका नहीं दिया गया।

प्रतापगढ़, [आशतोष तिवारी]। गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा चुके धर्मेंद्र के पास शोहरत तो है लेकिन रोजगार नहीं है। सपा सरकार से लेकर योगी सरकार तक वह अपनी सेवा देने के लिए जोर आजमाइश कर चुके हैं लेकिन उन्हें हताशा ही मिली। यह बात हो रही है देश के सबसे लंबे इंसान की। वह प्रतापगढ़ के हैं और अब वह बिना रोजगार के ही अपनी वर्तमान स्थिति से संतुष्ट हैं। उन्हें अब अपने घर बसाने की इच्छा है। इसके लिए उन्हें एक अदद दुल्हन की तलाश है। यहां भी रोड़ा अटका है। शादी का प्रस्ताव आता है और अधिक लंबाई आड़े आ जाती है। फिर भी लंबे कद-काठी के धर्मेंद्र को पूरी आशा है कि एक दिन उनके मन की मुराद जरूर पूरी होगी।  

किसान परिवार से हैं धर्मेंद्र

मंगरौरा ब्लाक के कसियाही गांव में किसान परिवार में जन्मे धर्मेद्र प्रताप सिंह बचपन से ही अपने साथ के बच्चों से अलग थे। बड़े भाई और दो बहनों का प्यार मिला। इंटरमीडिएट की शिक्षा तक वह करीब आठ फुट एक इंच के हो गए। क्षेत्र में उनकी लंबाई की चर्चा होने लगी। वह दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे महानगरों में जाते तो उन्हें देखने के लिए भीड़ लग जाती। लोग अपने साथ सेल्फी लेने के लिए होड़ लगा लेते। धीरे-धीरे वह चर्चा में आ गए और वर्ष 2006 में उनका नाम देश के सबसे लंबे व्यक्ति के रूप में गिनीज बुक में दर्ज हो गया। स्नातक करते के बाद उन्होंने अपने लिए रोजगार की तलाश शुरू की। इसी सिलसिले में वह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह से भी सपा शासन में मिले। उन्हें मदद का आश्वासन मिला था लेकिन बात नहीं बनीं।

समाजसेवा करना चाहते हैं

45 साल की अवस्था पूरी कर चुके धर्मेंद्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलने लखनऊ गए थे, लेकिन उन्हें मुलाकात का मौका नहीं दिया गया। उन्हें उल्टे पांव वहां से लौटना पड़ा। इससे वह काफी आहत भी हुए। वह चाहते थे कि वह योगी जी से मिलकर यह बता सकें कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार में उनके कद का इस्तेमाल किया जाए। वह समाज सेवा से जुड़कर अपने जीवन को सार्थक बनाने की दिशा में काम करना चाहते हैं।

दुर्घटना के बाद से बढ़ी दिक्कतें, डाक्टर ने की मदद

सात साल पहले धर्मेंद्र मुरादाबाद गए थे। वहां पर सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए। उनके दोनों कूल्हे खिसक गए। उनका चलना-फिरना दूभर हो गया। किसी ने कोई मदद नहीं की, उन्हें लगा कि उनके जीवन में अंधेरा छा गया है। हालांकि वह भगवान का लाख-लाख धन्यवाद देते हैं कि अहमदाबाद स्थित के. डी. हास्पिटल के ज्वांइट रिप्लेसमेंट एक्सपर्ट डॉ. अतीत शर्मा ने उन्हें नया जीवन दिया। उन्होंने उनसे एक मित्र के जरिए संपर्क किया तो वह सहर्ष निशुल्क इलाज के लिए तैयार हो गए। डॉ. अतीत के इलाज से अब वह पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।

कद के अनुरूप व्यवहारिक दिक्कतें भी लंबी

अधिक लंबाई के कारण उन्हें कई तरह की व्यवहारिक दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। उनको चप्पल और जूता लखनऊ से बनवाना पड़ता है। कपडा भी रेडिमेड नहीं मिल पाता है, सिलवा कर ही पहनते हैं। वह ज्यादा झुक नहीं सकते। वह बाइक और साइकिल से नहीं चल सकते। ऐसे में उन्हें पैदल चलना पड़ता है। दूर जाने के लिए मित्रों से संपर्क कर उनकी कार लेनी पड़ती है। बस में सवार होने के बाद सीट पर सिर्फ वही बैठ पाते हैं, लोग उन्हें हैरत से देखते रहते हैं। उनके तमाम सवाल और परिचय देते-देते कई बार स्थिति असहज हो जाती है।

कनाट प्लेट और गेट-वे आफ इंडिया हैं मनपसंद स्थान

धर्मेंद्र सिंह को देश की दो जगह काफी पसंद हैं। उनमें से एक नई दिल्ली स्थित कनॉट प्लेस और दूसरा मुंबई स्थित गेट-वे ऑफ इंडिया। इन दोनों स्थानों पर देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशी सैलानियों का जमावड़ा रहता है। उन्हें इन दो स्थानों पर देखते ही लोग घेर लेते हैं और अपने साथ सेल्फी लेते हैं। सम्मान देने के साथ ही उपहार भी देते हैं। कई फैंस तो उनका मोबाइल नंबर लेते हैं और हालचाल भी लेते रहते हैं।

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