दो नवंबर को तय होगा माघ मेला का स्वरूप

कोरोना काल में माघ मेला का स्वरूप कैसा होगा यह दो नवंबर को तय किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 10:57 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 10:57 PM (IST)
दो नवंबर को तय होगा माघ मेला का स्वरूप
दो नवंबर को तय होगा माघ मेला का स्वरूप

जासं, प्रयागराज : कोरोना काल में माघ मेला का स्वरूप कैसा होगा, यह दो नवंबर को प्रमुख सचिव की बैठक में तय होगा। इस बैठक के बाद संगम तीरे तंबुओं का शहर बसाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उसी बैठक के बाद मेले के लिए धनराशि भी जारी होने की उम्मीद है।

कोरोना संक्रमण के दौर में जब फिजिकल डिस्टेंसिंग की बात की जा रही है, तब लाखों की भीड़ वाला आयोजन माघ मेला कराना कहीं मुश्किल न पैदा कर दे। इसलिए जिला प्रशासन मेला कराने को लेकर कई महीने से शासन के आदेश का इंतजार कर रहा था। इसी हफ्ते मुख्यमंत्री मेला कराने को लेकर लखनऊ में बैठक किए तो बुधवार को जिला प्रशासन ने मेला अधिकारी की तैनाती कर दी। लेकिन शासन से मेला के लिए कोई गाइडलाइन न मिलने से अभी तक जमीन पर कोई काम शुरू नहीं किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दो नवंबर को माघ मेला के लिए शासन स्तर से बैठक की जाएगी। उसी बैठक में मेला का स्वरूप तय किया जाएगा। मेला भी कराना है और कोरोना से भी बचना है। ऐसे में तमाम एहतियात बरतते हुए मेला कराया जाएगा। इन सबके बीच कितने क्षेत्र में इसका फैलाव किया जाएगा, कितने कल्पवासियों को आने की अनुमति होगी और क्या-क्या इंतजाम होंगे। यह सब उस बैठक में तय किया जाएगा। मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि शासन की जो गाइडलाइन होगी, उसी के अनुसार मेला बसाया जाएगा। गंगा स्नान पर्व

- 14 जनवरी - मकर संक्रांति

- 28 जनवरी - पौष पूर्णिमा

- 11 फरवरी - मौनी अमावस्या

- 16 फरवरी - वसंत पंचमी

- 11 मार्च - महाशिवरात्रि

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