न रहे गंदगी का नामोनिशान, थाम ली स्वच्छता की कमान
धरा पर कहीं गंदगी न रहे वातावरण शुद्ध और सुवासित रहे के सूत्र वाक्य को आत्मसात कर रहे हैं भइया जी। 18 वर्ष पहले उन्होंने स्वच्छता का जो सकंल्प लिया उसे पूरा करने के लिए आज भी उनका अभियान जारी है।
जासं, प्रयागराज : धरा पर कहीं गंदगी न रहे, वातावरण शुद्ध और सुवासित रहे के सूत्र वाक्य को अंगीकार करके भईया जी ने 18 साल पहले स्वच्छता का संकल्प लिया जो आज तक जारी है। तमाम लोग उनके इस स्वच्छता अभियान से जुड़कर अपने गांव, घर, गली और शहर को स्वच्छ करने का काम कर रहे हैं।
नैनी स्थित चाका विकास खंड के मोहब्बतगंज गांव में प्रेरणा परमार्थ आश्रम है। यह वृद्धा आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। इसकी शाखाएं पूरे देश में बताई जाती हैं। इस आश्रम के संचालक भईया जी जिस भाव से बुजुर्गों की सेवा में जुटे रहते हैं उसी भाव से साफ-सफाई के प्रति भी कृत संकल्प हैं। आश्रम की सफाई के साथ वे और उनके स्वच्छता अभियान से जुडे़ सैकड़ों स्वयंसेवी सदस्य संगम तट से लेकर शहर के तमाम पार्को, मंदिरों और सड़कों की सफाई के प्रति संकल्पित हैं।
भईया जी की मानें तो 18 साल पहले वे गंगा स्नान करने संगम तट पर गए थे। वहां पर घाटों के आसपास पसरी गंदगी ने उन्हें विचलित कर दिया। काफी देर तक वे तट पर बैठे रहे। तभी से उन्होंने गंगा-यमुना की सफाई का संकल्प लिया और कुछ साथियों को लेकर हर दूसरे-तीसरे दिन पहुंचने लगे संगम तट। वहां घाटों पर पड़ी पूजन सामग्री, श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए पुष्प, पालीथिन आदि को इकट्ठा करके दूर ले जाकर उनका समाधान करते। अब उनके इस सफाई अभियान में सैकड़ों साथी जुड़ गए हैं और सफाई का दायरा भी बढ़ गया है।
संगम पर वे और उनकी टीम के लोग सप्ताह में एक बार जाते हैं और सफाई कार्य करने के अलावा लोगों को गंदगी न फैलाने के प्रति जागरूक भी करते हैं। दुर्गा पूजा, गणेश पूजा तथा कुंभ और माघ मेले के दौरान वह विशेष सफाई अभियान भी चलाते हैं। शहर के चंद्रशेखर आजाद पार्क, हाथी पार्क सहित अन्य पार्को में समय समय पर सफाई अभियान चलाया जाता है। मंदिरों में न सिर्फ सफाई अभियान चलाया जाता है बल्कि जरूरत पड़ने पर उसका जीर्णोद्धार भी कराया जाता है। कुछ दिन पहले उनकी टीम चित्रकूट स्थित राजापुर गई थी जहां तुलसीदास की जन्मस्थली सहित थाना परिसर में वृहद सफाई की गई थी। बताते हैं कि संगम या अन्य जगहों से बटोरे गए कचरे और गंदगी को नगर निगम को हैंडओवर कर दिया जाता है जो उस कचरे का निस्तारण करता है। कभी-कभी कचरा उठाने के लिए नगर निगम की गाडि़यां भी मिल जाती हैं। उनका कहना है कि जब तक शरीर में जान है उनका यह स्वच्छता अभियान जारी रहेगा।