दारोगा ने परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसाने की दी धमकी

मेजा कोतवाली के दारोगा की शिकायत करना लगभग 70 वर्षीय बुजुर्ग के लिए भारी पड़ गया है। शिकायत के बाद अब उक्त दारोगा एवं उसके गुर्गे वृद्ध एवं उसके परिवार के लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेजे जाने की धमकी दे रहे हैं। हैरान-परेशान वृद्ध ने इसकी शिकायत क्षेत्राधिकारी मेजा सहित पुलिस विभाग के शीर्ष अधिकारियों को पत्र भेजते हुए की है। साथ ही दारोगा को निलंबित करने कर न्याय की गुहार भी लगाई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 12:48 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 12:48 AM (IST)
दारोगा ने परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसाने की दी धमकी
दारोगा ने परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसाने की दी धमकी

मेजा : मेजा कोतवाली के दारोगा की शिकायत करना लगभग 70 वर्षीय बुजुर्ग के लिए भारी पड़ गया है। शिकायत के बाद अब उक्त दारोगा एवं उसके गुर्गे वृद्ध एवं उसके परिवार के लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेजे जाने की धमकी दे रहे हैं। हैरान-परेशान वृद्ध ने इसकी शिकायत क्षेत्राधिकारी मेजा सहित पुलिस विभाग के शीर्ष अधिकारियों को पत्र भेजते हुए की है। साथ ही दारोगा को निलंबित करने कर न्याय की गुहार भी लगाई है।

मेजा के लोटाढ़ गांव निवासी राममणि यादव रिटायर होने के बाद गांव में हाईस्कूल तक का विद्यालय चलाते हैं। उनका कहना है चार साल पहले उन्होंने कुछ लोगों को बेटे एवं दामाद को बिजली विभाग में नौकरी दिलाए जाने के लिए कुछ रुपये दिये थे। लेकिन उन लोगों ने न तो नौकरी ही दिया और न ही पैसा लौटाया। ऐसे में उन्होंने न्यायालय के आदेश पर एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जो अब भी न्यायालय में लंबित है। जिन लोगों ने नौकरी के नाम पर रुपये लिये थे, उन्होंने रुपया तो नहीं वापस किए बल्कि उल्टे 70 लाख रुपये देने का आरोप लगा दिया। इस मामले में पहले मेजा रोड पुलिस चौकी पर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया, जहां एक दारोगा ने काफी प्रताड़ित किया। बाद में सीओ मेजा कार्यालय में दोनों पक्षों के बयान हुए। इसके बाद 15 अक्तूबर को मेजा कोतवाली के एक दारोगा ने उन्हें फिर से पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया। राममणि यादव का आरोप है कि उक्त दारोगा ने कोतवाली के अंदर आरोपितों के सामने गाली दी। साथ ही उन्होंने 70 लाख रुपये का अग्रिम चेक न देने की दशा में फर्जी मुकदमा लिख कर पूरे परिवार को फंसाने की धमकी दी बताया कि मौके पर पहुंचे इंसपेक्टर मेजा सुनील वाजपेई ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों पक्षों का बयान लेकर घर भेज दिया। इस मामले में 16 अक्तूबर को राममणि यादव ने एसएसपी प्रयागराज सहित मुख्यमंत्री पोर्टल आदि पर दारोगा द्वारा की गई अभद्रता की शिकायत की।

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