राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह के निधन से प्रयागराज में दुखी हैं किसान नेता, संगमनगरी से था उन्हें लगाव

राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष रामकृष्ण पटेल ने बताया कि वर्ष 2000 में वे पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा के साथ शंकरगढ़ आए थे और किसानों को संबोधित किया था। इसके बाद 2002 2005 2006 में भी यहां आकर किसानों के बीच पंचायत की थी। किसानों से उनको काफी लगाव था।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 02:24 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 04:41 PM (IST)
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह के निधन से प्रयागराज में दुखी हैं किसान नेता, संगमनगरी से था उन्हें लगाव
किसानों से उन्हें काफी लगाव था। वे कहते थे कि किसान ही देश को आगे बढ़ाने का काम करते हैं

प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र और राष्ट्रीय लोकदल के नेता अजीत सिंह का प्रयागराज से भी जुड़ाव  था। उन्हें जब भी मौका मिलता वे यहां आ जाते थे। अंतिम बार वे नवंबर 2016 में यहां आए थे। अलोपीबाग स्थित अखिल भारतीय सरदार पेटल सेवा संस्थान में किसानों के साथ वार्ता की थी। तीन घंटे तक चले इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं को बिंदुवार सुनने के साथ ही उसे बकायदे डायरी में नोट भी किया था।

किसानों को किया था संबोधित, कई बार आए थे प्रयागराज

राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष रामकृष्ण पटेल ने बताया कि वर्ष 2000 में वे पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा के साथ शंकरगढ़ आए थे और किसानों को संबोधित किया था। इसके बाद 2002, 2005, 2006 में भी यहां आकर किसानों के बीच पंचायत की थी। किसानों से उनको काफी लगाव था। वे हमेशा यही कहते थे कि किसान ही देश को आगे बढ़ाने का काम करते हैं, इसलिए किसानों को आगे बढ़ाना चाहिए। उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के तहत निस्तारण करना चाहिए। उनको सिर्फ यही लक्ष्य था कि किसानों को खुशहाल बनाया जाए। समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता केके श्रीवास्तव बताते हैं कि 1986 में राष्ट्रीय लोकदल में वे थे। अजीत सिंह दिल्ली से यहां तिनसुखिया ट्रेन से आए थे। उस समय सत्य प्रकाश मालवीय राज्य सभा सदस्य थे। अजीत सिंह ने सत्य प्रकाश मालवीय के साथ प्रेसवार्ता की थी। उन्होंने साफ कहा था कि वे किसी पार्टी का विरोध नहीं करते, बल्कि किसान विरोधी सोच रखने वालों का विरोध करते हैं। क्योंकि भारत सोने की चिड़िया किसानों के कारण ही बना है और किसानों की अनदेखी करने वाले उनको पसंद नहीं हैं। वे हमेशा ऐसी सोच रखने वालों का विरोध करते रहेंगे।

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