हां हुजूर! मैंने अपराध किया है, माफ कर दीजिए, प्रयागराज की अदालत में बोला अपराधी

आमतौर पर सजा से बचने के लिए सभी आरोपित और अपराधी खुद को बेकसूर बताते हैं लेकिन एक शख्स ने प्रयागराज की अदालत में जज के सामने हाथ जोड़कर कहा कि हां उसने अपराध किया और उसे माफ कर दिया जाए। हालांकि उसे सजा सुना दी गई है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 12:17 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 09:41 PM (IST)
हां हुजूर! मैंने अपराध किया है, माफ कर दीजिए, प्रयागराज की अदालत में बोला अपराधी
एक शख्स ने जज के सामने हाथ जोड़कर कहा कि उसने अपराध किया उसे माफ कर दिया जाए

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जनपद न्यायालय प्रयागराज में शनिवार को अजब वाकया देखने को मिला। आमतौर पर सजा से बचने के लिए सभी आरोपित और अपराधी खुद को बेकसूर बताते हैं। बड़े से बड़ा और नामी वकील  की बचाव में सेवा ली जाती है। सालों मुकदमा चलता है लेकिन अपराध करने वाले खुद को निर्दोष बताते हुए बचाव में एक से बढ़कर एक तर्क, दलील और सुबूत पेश करते हैं लेकिन शनिवार को एक शख्स ने जज के सामने हाथ जोड़कर कहा कि हां उसने अपराध किया और उसे माफ कर दिया जाए। हालांकि उसे सजा सुना दी गई है। 

जहरखुरानी कर ट्रेन यात्रियों को लूटता था कपूर

अब जानिए आखिर यह मामला है क्या। दरअसल, जहरखुरानी यानी ट्रेन यात्रियों से ट्रेन में सफर करते वक्त या प्लेटफार्म पर दोस्ती गांठने के बाद उन्हें नशीली दवा मिली चाय या बिस्किट खिलाकर लूटने के आरोपित कृष्णा कपूर ने न्यायाधीश के सामने पुलिस के द्वारा लगाए गए आरोप को स्वीकार करते हुए कहा, हुजूर गलती हो गई है। अपराध किया है... मुझे माफ कर दीजिए। इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष न्यायाधीश रागिनी ने आरोपित कृष्णा कपूर को जुर्म स्वीकार करने पर दो वर्ष 11 महीने के कारावास और पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। बांसमंडी मोहल्ला मुट्ठीगंज के रहने वाले कृष्णा को जीआरपी ने चार दिसंबर 2018 की रात प्रयागराज रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से नशीला पाउडर भी बरामद किया था। आरोपित ने पुलिस को बताया था कि ट्रेन में यात्रियों से मेलजोल करके उनके खाने-पीने की चीजों में नशीला पाउडर मिलाकर देता था। बेहोश होने पर उनके कीमती सामान को लेकर फरार हो जाता था। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया था और वहां से उसे जेल भेज दिया गया था। तब से वह जेल में ही बंद है। एनडीपीएस के विशेष लोक अभियोजक श्रीप्रकाश शुक्ल ने बताया कि आरोपित ने निर्दोष होने का एक भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। जुर्म स्वीकारोक्ति प्रार्थना पत्र की पुष्टि होने पर अदालत ने उसे सजा का फैसला सुनाया।

chat bot
आपका साथी