अपराध अनुसंधान शाखा ने तलब की पत्रावली, स्वच्छ भारत मिशन की रकम में किया था गबन

स्वच्छ भारत मिशन के तहत जागरूकता कार्यक्रम सभी ग्राम पंचायतों में होना था लेकिन हुआ नहीं। अफसरों ने खंड प्रेरक व जिला परियोजना समन्वयकों से कुछ ग्रामीणों को एकत्रित करके व बैनर लगाकर फोटोग्राफ ले लिया गया। कुछ ही मिनट में कार्यक्रम का समापन हुआ था।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 05:38 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 05:38 PM (IST)
अपराध अनुसंधान शाखा ने तलब की पत्रावली, स्वच्छ भारत मिशन की रकम में किया था गबन
स्वच्छ भारत मिशन में प्रचार मद में आया था साढ़े आठ करोड़ रुपये जिसमें किया गया था गबन

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। स्वच्छ भारत मिशन के तहत साढ़े आठ करोड़ रुपये प्रचार-प्रसार मद में आया था। इस पैसे से वाल पेटिंग, नुक्कड़ सभा, नाटक आदि कराया जाना था। फर्जी तरीके से बिना कार्यक्रम कराए ही लाखों रुपये का गबन किया गया था। इस मामले की जांच चल रही है। पिछले दिनों अपराध अनुसंधान शाखा लखनऊ ने पत्रावली तलब कर ली। इससे अफसर सांसत में हैं। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं वह कार्रवाई की जद में नहीं आ जाएं।

तीन लाख से अधिक शौचालय बनाने का लक्ष्य था

शासन की महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन योजना वर्ष 2015-16 में शुरुआत हुई थी। इस योजना के तहत जिले में तीन लाख से अधिक शौचालय बनाने का लक्ष्य था। इसके अलावा साढ़े आठ करोड़ रुपये प्रचार-प्रसार मद में मिला था। इस पैसे से गांवों के लोगों को खुले में शौच करने से रोकने के लिए नुक्कड़ सभा, एलइडी स्क्रीन के जरिए जागरूक करने जैसे कई कार्यक्रम किए जाने थे। सभी ग्राम पंचायतों व ब्लाक कार्यालयों में भी कार्यक्रम आयोजन होना था, लेकिन इसमें अफसरों ने भारी गड़बड़ी की। इसमें काफी पैसे का गबन किया गया। तत्कालीन सांसद हरिवंश सिंह ने मामले की शिकायत शासन में की थी। इस पर जांच शुरू हो गई थी। वहीं इसी क्रम में अपराध अनुसंधान शाखा ने तत्कालीन ब्लाकवार बीडीओ व कई अफसरों के नाम, मोबाइल नंबर, कुल शौचालयों की संख्या आदि का ब्यौरा तलब किया है। रिपोर्ट मांगे जाने से अफसर व कर्मी तनाव में हैं। सीडीओ प्रभाष कुमार ने बताया कि जो रिपोर्ट मांगी गई है, उसे उपलब्ध कराया जा रहा है।

दबाव मेें हस्ताक्षर करने का आरोप

प्रचार-प्रसार में हुए फर्जीवाड़े को लेकर स्वच्छ भारत मिशन के कुछ कर्मियों पर अफसरों ने दबाव बनाकर पत्रावली पर हस्ताक्षर कराया था। कार्रवाई के डर से उक्त कर्मी उस पर हस्ताक्षर भी कर दिए थे। बाद में जब मामला बढ़ा तो वह नौकरी छोड़कर चले गए। पटल में तैनात कर्मियों का बदलाव किया गया। इस दौरान काफी दिनों तक दबाव बनाकर पत्रावली पर हस्ताक्षर कराने की चर्चा विकास भवन में गूंजती रही।

कई गांवों में नहीं हुआ था कार्यक्रम

स्वच्छ भारत मिशन के तहत जागरूकता कार्यक्रम सभी ग्राम पंचायतों में होना था, लेकिन हुआ नहीं। अफसरों ने खंड प्रेरक व जिला परियोजना समन्वयकों से कुछ ग्रामीणों को एकत्रित करके व बैनर लगाकर फोटोग्राफ ले लिया गया। कुछ ही मिनट में कार्यक्रम का समापन हुआ था। कई गांवों में तो यह भी नहीं हुआ। स्वच्छ भारत मिशन योजना जिले में घपले की भेंट चढ़ गया। प्रधान, सचिव व अन्य मालामाल हो गए।

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