नीवा गांव की पाठशाला में बच्चों को दी कापी, किताब, पेंसिल, प्रयागराज में जल्द शुरू होंगी कई और पाठशाला

महामारी के दौर में तमाम छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो चुकी है। उसे पटरी पर लया जा रहा है। संगठन के सदस्य नियमित रूप से कक्षाएं चलाएंगे। यह कक्षाएं कक्षा और विषय के अनुसार चलेंगी। इनमें व्यवस्थित स्कूल का प्रतिबिंब देखा जा सकेगा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 03:36 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 03:36 PM (IST)
नीवा गांव की पाठशाला में बच्चों को दी कापी, किताब, पेंसिल, प्रयागराज में जल्द शुरू होंगी कई और पाठशाला
नीवा गांव में पाठशाला शुरू की गई है। इसमें ऐसे बच्चों को पढ़ाया जाएगा जो संसाधन विहीन हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में ठप पड़ चुकी शैक्षणिक गतिविधियों को पटरी पर लाने की कवायद शासन स्तर पर चल रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी इस दिशा में प्रयास शुरू किया है। नीवा गांव में पाठशाला शुरू की गई है। इसमें ऐसे बच्चों को पढ़ाया जाएगा जो संसाधन विहीन हैं। विद्यार्थी परिषद के पूर्व प्रांत अध्यक्ष डा. राजेंद्र प्रसाद तिवारी, महानगर उपाध्यक्ष डा. मनीष कुमार श्रीवास्तव, प्रभाकर, अनुपम त्रिपाठी, अमित मिश्रा ने बच्चों को कापी, पेन, पेंसिल आदि का वितरण किया। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रयास हो रहा है कि सभी बच्चे पढ़ाई करें। महामारी के दौर में तमाम छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो चुकी है। उसे पटरी पर लया जा रहा है। संगठन के सदस्य नियमित रूप से कक्षाएं चलाएंगे। यह कक्षाएं कक्षा और विषय के अनुसार चलेंगी। इनमें व्यवस्थित स्कूल का प्रतिबिंब देखा जा सकेगा। संगठन ने जो स्कूल शुरू किया है वह पूरी तरह से निश्शुल्क है। पूर्व प्रांत कार्यकारिणी सदस्य अमित मिश्रा ने कहा कि एबीवीपी ने परिषद की पाठशाला कार्यक्रम के तहत नगर में ऑनलाइन शिक्षा से वंचित विद्याॢथयों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए यह कदम उठाया है। अन्य क्षेत्रों में भी इस तरह की कक्षाएं शुरू होंगी। कार्यकर्ता प्रतिदिन एक घंटे की पाठशाला चलाएंगे। इसमें शारीरिक दूरी का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

​​​​​पढ़ाई को बेहतर बनाने का दारोमदार अब अभिभावकों पर

कोरोना काल में अस्त व्यस्त हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में अभिभावकों की बड़ी भूमिका है। प्रत्येक अभिभावक को निजी तौर पर सहभागिता करनी होगी। संसाधन न होने पर माता पिता को ही माध्यम बनना होगा। सिर्फ विद्यालय के शिक्षकों के सहारे पढ़ाई अभी चलाना ठीक नहीं है। यह बात केपी गल्र्स इंटर कॉलेज के शिक्षक अभिभावक संघ की बैठक में सामने आई। प्रधानाचार्य अमिता सक्सेना ने कहा कि शिक्षक अपने स्तर पर ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। विषय और क्लास के अनुसार सभी ने टाइम टेबल भी बना रखा है। जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है उनके समक्ष संकट है। इसके लिए अभिभावक विद्यालय और शिक्षकों के संपर्क में बने रहें। कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के संस्थापक मुंशी काली प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण व सरस्वती वंदना से हुई। इस दौरान गुरुजन व अभिभावकों के सम्मान में स्वागत गीत भी गाए गए। इस मौके पर स्नेह सुधा, उप प्रधानाचार्य डॉ. राखी चौधरी भी मौजूद रहीं।

छात्र-छात्राओं का हुआ सम्मान

विद्या भारती प्रांतीय कार्यालय में रुद्राभिषेेक का आयोजन हुआ। इसमें वनवासी छात्र-छात्राओं को आंमत्रित कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रांतीय संगठन मंत्री डा. राममनोहर ने बताया कि वनवासी आश्रम में विद्यार्थियों को सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराए जाते हैं। संगठन का लक्ष्य है कि मेधा को पूरा मौका मिले। कार्यक्रम में प्रदेश निरीक्षक रामजी सिंह, जगदीश सिंह, शरद गुप्त, विक्रम बहादुर सिंह परिहार, सुमंत पांडेय आदि मौजूद रहे।

विद्यालय परिसर में रोपे पौधे

ज्वाला देवी सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कॉलेज सिविल लाइंस में पौधे रोपकर हरियाली का संदेश दिया गया। आरएसएस के विभाग प्रचारक पीयूष ने कहा कि पौधे रोपने के साथ उनकी देखभाल भी जरूरी है। प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि अपने जीवनकाल में कम से कम दस वृक्ष तैयार करें। यह आनेवाली पीढ़ी के लिए उपहार होगा। इस मौके पर प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार, डा. हरेश प्रताप, नागेंद्र, अरुण अग्रवाल, शिव कुमार, शरद गुप्त आदि मौजूद रहे।

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