कौशांबी में संदीपन घाट की हालत जर्जर, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

स्नानार्थियों की भीड़ सुबह होते ही शुरू हो जाती है। भरवारी निवासी शंकर लाल केसरवानी का कहना है कि उक्त धार्मिक स्थल की पहचान द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी होने के बावजूद भी जिला प्रशासन अभी तक यहां के विकास पर ध्‍यान नहीं दिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 04:13 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 04:13 PM (IST)
कौशांबी में संदीपन घाट की हालत जर्जर, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
कौशांबी में गंगा किनारे स्थित संदीपन धाम स्थित घाट की हालत जर्जर है।

प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के कौशांबी जिले में भरवारी, विकास खण्ड सिराथू के अंतर्गत रेलवे स्टेशन भरवारी से महज 8 किमी. दूर गंगा किनारे स्थित संदीपन धाम की पहचान द्वापर युग से जुड़ी मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि द्वापर युग में श्री कृष्ण व सुदामा एक साथ यहीं पर संदीपन मुनि से शिक्षा ग्रहण किये थे इसका प्रमाण गंगा पार प्रतापगढ़ स्थित कृष्ण वन नामक स्थान से पहचान पुख्ता हो जाता है।

उक्त संदीपन धाम पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्तगण गंगा स्नान करने के लिए आते है तथा धार्मिक पर्व पर तो मेला जैसा दृश्य बना रहता है लेकिन गंगा घाट की जर्जर हालत पर अभी तक शासन प्रशासन का ध्यान नही गया। एक दशक पूर्व भरवारी से लगा अमहा गांव के प्रधान रहे हरि शंकर विश्वकर्मा द्वारा गंगा घाट की सीढ़ी बनवायी गयी थी जो देखरेख के अभाव में अब कई जगह से उखड़ चुकी है। रविवार के दिन उक्त घाट पर स्नानार्थियों की भीड़ सुबह होते ही शुरू हो जाती है।लेकिन जर्जर घाट होने पर लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। भरवारी निवासी शंकर लाल केसरवानी का कहना है कि उक्त धार्मिक स्थल की पहचान द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी होने के बावजूद भी जिला प्रशासन अभी तक यहां के विकास पर ध्‍यान नहीं दिया।

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