Uttar Pradesh Public Service Commission: नई भर्ती में पुराने अभ्यर्थियों का दावा, आयुसीमा में छूट देने की मांग
2017 की भर्ती में आवेदन करने वाले महेश व जयंत का कहना है कि पुरानी भर्ती आयोग की गलतियों के कारण निरस्त हुई है उसकी सजा अभ्यर्थियों को नहीं मिलनी चाहिए। ऐसी स्थिति में पुराने अभ्यर्थियों को आयुसीमा में छूट देकर नई भर्ती में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग प्रतियोगियों को रोजगार देने के लिए लगातार भर्तियां निकाल रहा है। इसके तहत संशोधित परीक्षा कैलेंडर में स्टाफ नर्स (पुरुष/महिला) परीक्षा-2021 की भर्ती भी शामिल की गई है। लेकिन, दिक्कतें खत्म नहीं हो रही हैं। अब आयुसीमा का मामला पेच फंसा रहा है। जिन अभ्यर्थियों ने 2017 में निकली स्टाफ नर्स भर्ती में आवेदन किया था, उनमें सैकड़ों ऐसे हैं जो तय आयुसीमा पार कर चुके हैं। ये अभ्यर्थी अब आयोग से आयुसीमा में छूट देने की मांग कर रहे हैं।
यूपीपीएससी ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं सेवाएं तथा चिकित्सा शिक्षा व प्रशिक्षण की सम्मिलित भर्ती का विज्ञापन 12 जनवरी 2017 को जारी किया था। स्टाफ नर्स (पुरुष) की 448 पद की भर्ती के लिए 10 हजार से अधिक आवेदन हुए थे। भर्ती प्रक्रिया में नियम पालन न होने का हवाला देकर कुछ प्रतियोगियों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की।
कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के बाद आयोग को विज्ञापन निरस्त करने का आदेश दिया। इसके मद्देनजर आयोग ने विज्ञापन निरस्त कर दिया था। इसके बाद आयोग ने नए सिरे से भर्ती निकाली है। 2017 की भर्ती में आवेदन करने वाले महेश, महावीर व जयंत का कहना है कि पुरानी भर्ती आयोग की गलतियों के कारण निरस्त हुई है, उसकी सजा अभ्यर्थियों को नहीं मिलनी चाहिए। ऐसी स्थिति में पुराने अभ्यर्थियों को आयुसीमा में छूट देकर नई भर्ती में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए।