रुकिए... अरे यहां तो लोग मजे से खा रहे हैं 'जलता हुआ पान, जानिए आखिर क्या है माजरा

मोहब्बत खान ग्राहक को विभिन्न तरीके से आकर्षित करते हैं। वह शेरो शायरी सुनाकर पान ग्राहकों के मुंह में डालते हैं। गुलकंद का डिब्बा उछाल पुरुष एवं महिला ग्राहक को अलग शेर सुनाते हैं। पुरुष ग्राहक के लिए पेश करते हैं- इस पान की चाल मस्तानी इसे खाएंगे राजा हिंदुस्तानी।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 04:51 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 04:51 PM (IST)
रुकिए... अरे यहां तो लोग मजे से खा रहे हैं 'जलता हुआ पान, जानिए आखिर क्या है माजरा
मोहब्बत खान सबको यही समझाने में लगे रहते हैं कि आप यह पान खाकर देखिए मजा आ जाएगा

प्रयागराज, जेएनएन। ...यहां इतनी भीड़ क्यों लगी है? माजरा क्या है...। अरे यह तो जलता हुआ पान लोगों के मुंह में डाल रहा है...। वह भी शेरों शायरी के साथ। डरने के बाद भी लोग जलता हुआ पान मुंह में डलवा रहे हैं। मुंह में जाते ही आग गायब...।  खाने वाले के चेहरे से भय नदारद और फैल जाती है अचंभित सी मुस्कराहट...। यह नजारा है उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में लगे शिल्प मेले में मोहब्बत खान की पान की दुकान का। मेले में आने वाली भीड़ इस दुकान पर पहुंचने के बाद ठहर सी जाती है। बच्चों के साथ उनके मम्मी-पापा पान वाले के करतब को कौतुहल के साथ देखते हैं। सवाल करते हैं कि यह कैसे संभव है? जलता पान खाने से कहीं उनका मुंह ना जल जाए। मोहब्बत खान सबको यही समझाने में लगे रहते हैं कि आप यह पान खाकर देखिए उन्हें कुछ नहीं होगा। पान का स्वाद भी लाजवाब है।


लाइटर से पान के मसाले पर पैदा करते हैं आग
सहारनपुर से आया यह पान वाला पहले मीठा पान बनाता है। उसमें एक दर्जन तरीके के मसाले मिलाता है। इसमें गुलकंद, गरी, इलायची, सौंप, कत्था, केसर, मीठी सुपारी आदि शामिल रहती है। फिर पान पर रखे मसाले को लाइटर से जलाता है। ग्राहक को एक नेपकिन देते हुए मुंह खोलने को कहता है। उसके बाद एक शेर सुनाते हुए गुलकंद का डिब्बा ऊपर उछलता है और जलता हुआ पान यानी 'फायर पान ग्राहक के मुंह में डाल देता है। पान खाना वाला डरते हुए मुंह खोलता है। उस दौरान उसके साथ में खड़े स्वजन भी डरे रहते हैं कि कहीं पान खाने के दौरान मुंह ना जल जाए। पर पान मुंह के अंदर जाते हैं मिठास में बदल जाता है। खाने वाला का चेहरा प्रसन्नता से खिल उठता है।  

'इस पान की चाल है मस्तानी, इसे खाएंगे राजा हिंदुस्तानी
मोहब्बत खान ग्राहक को विभिन्न तरीके से आकर्षित करते हैं। वह शेरो शायरी सुनाकर जलता हुआ पान ग्राहकों के मुंह में डालते हैं। गुलकंद का डिब्बा उछालते समय पुरुष एवं महिला ग्राहक को अलग-अलग शेर सुनाते हैं। पुरुष ग्राहक के लिए वह पेश करते हैं- 'इस पान की चाल है मस्तानी, इसे खाएंगे राजा हिंदुस्तानी। महिला ग्राहक के लिए वह कहते हैं-'यह पान है आला, पर्स है निराला और आप खाने वाली है आज की मधुबाला।

50 रुपये का एक पान
मोहब्बत खान बताते हैं कि वह पिछले चार साल से जलता हुआ पान खिला रहे हैं। उनके पास पान की 72 तरह की वैराइटी है। वह हरा एवं टाइट पान सहारनपुर से लेकर आए हैं। यहां पान की ज्यादा बिक्री होने के कारण चौक से पान मंगवाना पड़ा है। इसे रात भर पानी में भिगोकर रखते हैं। दिन भर में जलता हुआ पान सौ से दो सौ लोगों को खिला देते हैं। एक पान की कीमत पचास रुपये रखी है। वह देश भर में घूम-घूम कर मेले में ऐसे स्टाल लगाते हैं। जलता हुआ पान के अलावा मीठे से लेकर सादे पान भी उनके खूब बिकते हैं।

मुंह में डालते समय आग के ऊपर पत्ता मोड़ देते हैं मोहब्बत
मोहब्बत खान बताते हैं कि उन्होंने यह विधि अपने से ही ईजाद की है। ग्राहक के मुंह में जलता पान डालते समय आग के ऊपर पत्ता मोड़ देते हैं। जिससे मुंह के अंदर जाने के पहले ही आग बुझ जाती है। यह काम इतनी सफाई से होता है कि जल्दी कोई पकड़ नहीं पाता है। मुंह में जाने से आग बुझ जाती है पर लोगों को भ्रम होता है कि पान के मुंह में जाने के बाद आग बुझी।

chat bot
आपका साथी