Coronavirus period में साइकिल से दुल्हन लाने निकले प्रतापगढ़ के विनय, अनूठी पहल से समाज को दिए कई संदेश
आक्सीजन और दवाइयों जैसी आवश्यक वस्तुओं के लिए त्राहि-त्राहि मची हो तो आडंबर से दूर रहने का विनय ने संकल्प ले लिया। पेड़-पौधों को लगाने के लिए संकल्परत संगठन पर्यावरण सेना से जुड़े विनय ने ठान लिया ईंधन के अत्याधिक खर्च और दिखावे के फिजूलखर्ची से दूर ही रहना है।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में एक दूल्हा साइकिल से बरात लेकर निकला तो हर तरफ देखने वाले निहारते रह गए। आधुनिक जीवन शैली को अंगूठा दिखा हरित पर्यावरण का संदेश देने के लिए अपने विवाह को भी आडंबर से दूर रख विनय कुमार प्रजापति ने समाज को आईना दिखाया। बिना गाडिय़ों के काफिले के निकली बरात लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गई। विनय इस अनूठी पहल के जरिए समाज को एक साथ कई संदेश दे गए।
विनय एमए तो पत्नी आरती हैं बीएससी पास
मानधाता ब्लॉक के बोझी गांव के विनय कुमार प्रजापति की शादी राजगढ़ के देवी प्रसाद की बेटी आरती देवी से तय हुई। विनय एमए पास हैं और आरती बीएससी करने के बाद अध्यापन कार्य से जुड़ गई। दोनों की शादी की तैयारी धूमधाम से शुरू हुई। दूल्हे के घर वालों ने बरातियों के लिए बोलेरो और स्कार्पियो जैसी गाडिय़ों का इंतजाम करना शुरू किया।
कोरोना काल में फैली त्रासदी को देखकर विनय का मन खिन्न है
कोरोना काल में देश में फैली त्रासदी को देख विनय कुमार का मन खिन्न और दुखी था। ऐसे दौर में जहां आक्सीजन और दवाइयों जैसी तमाम आवश्यक वस्तुओं के लिए त्राहि-त्राहि मची हो तो आडंबर से दूर रहने का अंदर ही अंदर विनय ने संकल्प ले लिया। पेड़-पौधों को लगाने के लिए संकल्परत संगठन पर्यावरण सेना से जुड़े होने के कारण भी विनय ईंधन के अत्याधिक खर्च और दिखावे के फिजूलखर्ची से दूर ही रहना चाहते थे।
परिवारों से कही मन की बात को हर किसी ने किया स्वागत
ऐसे में उन्होंने अपने मन की बात परिवार वालों के साथ ही पर्यावरण सेना के प्रमुख अजय कुमार तिवारी क्रांतिकारी से कही। फिर क्या था, सभी ने विनय के इस संकल्प को सराहने के साथ ही एक प्रेरक बारात निकालने की योजना बना डाली। इसके वाहक बने पर्यावरण सेना के सदस्य और साइकिल से बारात निकालने की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया। विनय दुल्हे के रूप में सेहरा बांध शुक्रवार की शाम छह बजे साइकिल पर सवार हुए तो अजय क्रांतिकारी, नमन कुमार तिवारी, रमेश प्रजापति, वीरेंद्र प्रजापति, शीतला प्रसाद और लाल चंद्र आदि लोग भी अपनी साइकिल से बाराती बनकर निकल पड़े। रास्ते में अनोखी बारात निकली देख हर किसी का ध्यान बरबस खिंचता और लोग सराहना करते।
कोरोना काल में भीड़ न जुटाने, फिजूलखर्ची रोकने, दहेज मुक्त और प्रदूषण मुक्त विवाह का दिया संदेश
रास्ते में कुछ स्थान पर रुकने के दौरान लोगों से विनय ने बताया कि कोरोना काल में भीड़ न करने के साथ ही फिजूलखर्ची रोकने, दहेज और प्रदूषण मुक्त विवाह का संदेश भी समाज को देने के लिए इस तरह साइकिल से निकला हूं।
ससुराल में बरात का हुआ जमकर स्वागत
बारात जब दुल्हन के दरवाजे पर पहुंची तो वहां पर जमकर स्वागत किया गया। ऐसी अनोखी बारात पहली बार ससुराल पहुंची थी। ऐसे में सास, ससुर और अन्य ससुराल पक्ष के लोगों के दिल में दुल्हे विनय की अलग छाप पड़ी और दूने उत्साह के साथ बारातियों का स्वागत किया गया।
यह है पर्यावरण सेना का ग्रीन मैरिज कंपेन
इस अनोखी शादी के प्रेरक पर्यावरण सेना के संस्थापक अजय क्रांतिकारी अपने साथी विनय की शादी को लेकर काफी उत्साहित दिखे। उनक कहना था कि पर्यावरण को बचाए बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। ऐसे में समाज को पर्यावरण के अनुकूल बदलने का यह छोटा सा प्रयास किया गया, ताकि लोग इससे सीख लें। इसीलिए पर्यावरण सेना ने कुछ सालों से हरित विवाह आंदोलन यानि ग्रीन मैरिज कंपेन चला रखा है। वह अपने सेना के सदस्यों और अन्य लोगों को तमझाम, दिखावा और पैसे की बर्बादी से बचाने के लिए साइकिल पर बारात निकालते रहे हैं। इससे दहेज को बढ़ावा मिलना बंद होगा, समाज में पर्यावरण संदेश जाएगा। हर आदमी इससे संकल्प लेगा और अगर सब लोग इस पर ध्यान देने लगें तो ईंधन की बचत होगी। इस तरह से भी हम देश के विकास में योगदान दे सकते हैं।