प्रयागराज के परिषदीय स्कूलों में मूल्य आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने की तैयारी, शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

ब्लू आर्ब फाउंडेशन के प्रोग्रामर मोहम्मद उबैद ने बताया कि जिन शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किय है वह सभी कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे। मूल्य आधारित पाठयक्रम को सब से पहले प्राथमिक विद्यालयों में ही लागू किया जाएगा।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 11:01 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 11:01 AM (IST)
प्रयागराज के परिषदीय स्कूलों में मूल्य आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने की तैयारी, शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
प्रयागराज के परिषदीय स्कूलों में मूल्य आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने की तैयारी की जा रही है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के सभी परिषदीय स्कूलों में मूल्य आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने की नीति तय की गई है। इसे अमल में लाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ब्लू आर्ब फाउंडेशन नई दिल्ली की तरफ से प्रयागराज के 100 प्राथमिक विधालयों के शिक्षकों को पहले चरण में प्रशिक्षित किया गया। यह प्रशिक्षण ऑनलाइन दिया 18 जनवरी से शुरू हुआ था। चार बैच में हुए इस प्रशिक्षण में कुल 200 शिक्षक शामिल हुए।

प्रशिक्षित शिक्षक अपने विद्यालय के शिक्षकों को देंगे प्रशिक्षण

मूल्य आधारित शिक्षण को बल देने के लिए जिन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है, वह अपने विद्यालय के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। उनका दायित्व है कि पठन पाठन को बेहतर बनाने में सहयोग करें।

कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों के लिए है कार्यक्रम

ब्लू आर्ब फाउंडेशन के प्रोग्रामर मोहम्मद उबैद ने बताया कि जिन शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किय है वह सभी कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे। मूल्य आधारित पाठयक्रम को सब से पहले प्राथमिक विद्यालयों में ही लागू किया जाएगा। बच्चों को बताया जाएगा कि घर परिवार के साथ ही अपने आसपास के वातावरण को वह कैसे स्वस्थ रख सकते हैं। उन्हें प्रकृति के प्रति भी दायित्व समझाया जाएगा। नैतिक अनैतिक चीजों के भेद भी समझाए जाएंगे। बताया जाएगा कि उनका भ कुछ दायित्व समाज व देश के प्रति है। उसका निर्वहन जरूरी है।

मानवीय मूल्यों को बढ़ाने की कोशिश

ब्लू आर्ब फाउंडेशन की सीईओ माधूरी मेहता ने बताया कि हमारी शिक्षा प्रणालि में साक्षरता दर में तो वृद्धि होती है लेकिन मानवीय मूल्यों पर गौर नहीं किया जा रहा है। अब मानवीय मूल्यों को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

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