Teacher Shobhnath Murder: सनसनीखेज कत्ल से शिक्षकों में था उबाल, तीन दिन बंद रहे स्कूल
शिक्षकों के बीच लोकप्रिय रहे प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शोभ नाथ मिश्र की वर्ष 2012 में घर के भीतर गोली मारकर हत्या की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया था। जिस तरह से उनके ही परिचित शिक्षक ने बदमाशों की गैंग लेकर घर में घुसकर गोली मारी थी
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रतापगढ़ जनपद में शिक्षकों के बीच लोकप्रिय रहे प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शोभ नाथ मिश्र की वर्ष 2012 में घर के भीतर गोली मारकर हत्या की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया था। जिस तरह से उनके ही परिचित शिक्षक ने बदमाशों की गैंग लेकर घर में घुसकर गोली मारी थी, उससे पुलिस-प्रशासन भी हिल गया था। मामले की गूंज शासन तक पहुंची तो वहां से भी इस बारे में रिपोर्ट मांगी गई थी। बुधवार को अदालत ने जब दोषियों को मौत की सजा और उम्रकैद सुनाई तो लोगों को संतोष मिला है।
कत्ल के बाद रात में ही शिक्षकों ने किया था चक्काजाम
इस घटना के मुख्य अभियुक्त प्राथमिक स्कूल शिवराजपुर में शिक्षक रहे राजेश सिंह की हरकतों का विरोध घटना के काफी पहले से शोभनाथ कर रहे थे। उनकी पत्नी विद्या समेत परिवार के अन्य सदस्य भी घर आने से राजेश को रोकते थे। कई बार इस रोकाटाेकी के बाद मामला इतना बढ़ा कि राजेश हमलावर हो गया। धमकी तो उसने पहले भी कई बार दी थी, लेकिन वह ऐसी कोई हरकत कर सकता है, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। घटना वाले रोज शोभनाथ परिवार के साथ बरामदे में बैठे थे। परिवार के सदस्य आपस में बातें कर ही रहे थे तभी रात करीब नौ बजे राजेश आ धमका था और फिर यह घटना हुई। अपने लिए आवाज उठाने वाले नेता की हत्या की जानकारी मिलते ही शिक्षकों में आक्रोश फैल गया। वे रात में ही सड़क पर निकल आए। सदर मोड़ व जिला अस्पताल के सामने हंगामा होने लगा। आवागमन बाधित कर जाम लगा दिया गया। बढ़ते बवाल को देखकर पुलिस के होश उड़ गए थे। यही नहीं अगले दिन से स्कूलों में ताला लगाकर शिक्षक डीएम कार्यालय पर डट गए थे। तीन दिन धरना दिया था। अर्धनग्न प्रदर्शन शुरू कर दिया था। डीएम, एसपी व बीएसए जैसे अफसरों को उनको मनाने में बहुत पापड़ बेलने पड़े थे। जब मुख्स आरोपित राजेश पकड़ लिया गया तब आंदोलन मंद पड़ा था। शोभनाथ के अजीत नगर आवास पर तीन महीने तक छह पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात किए गए थे।
पापा...आपको न्याय, हमें सुकून मिला, सत्यमेव जयते
शोभनाथ के अचानक हुए कत्ल से परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था। बेटियों की शादी और बच्चों के साथ परिवार के गुजारे भार सब पत्नी विद्या देवी ने किसी तरह उठाया। आंखों में आंसू भरे हुए बेटियों के हाथ पीले किए। यही नहीं साहस के साथ हमलावरों के खिलाफ कोर्ट में भी लड़ीं। बुधवार को फैसला आने पर उनकी आंखें भर आईं। पति का चित्र हाथ में लेकर निहारते हुए रोती रहीं। कुछ शब्द नहीं निकले। शोभनाथ के पुत्र नीरज मिश्र पिता के स्थान पर नौकरी करते हैं। फैसला आने पर उन्होंने फेसबुक पर लिखा...प्यारे पापा, आपको न्याय दिलवाने में आज सफल रहा। सत्यमेव जयते। इस मुश्किल लड़ाई में साथ देने वालों को धन्यवाद...।
गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज गई थी सकरी गली
शोभनाथ का घर मोहल्ले की संकरी गली में है। राजेश सिंह के फायर करने के बाद साथ मौजूद अन्य हमलावरों ने भी तमंचे से गोलियां चलानी शुरू कर दी थी। कुछ छर्रे शोभनाथ और उसी दौरान बाहर से आ रहे हकीम अंसारी नामक व्यक्ति को लगीं थीं। हमलावर पल्सर बाइक पर गाली देते व परिवार के अन्य लोगों को जान से मार देने की धमकी देते हुए भागे थे। खून से लथपथ शोभनाथ को वहां मौजूद कृष्ण कुमार तिवारी लेकर अस्पताल जा रहे थे, पर रास्ते में ही उनकी सांसें थम गईं थीं।
आज तक नहीं मिला भानु दुबे
शोभनाथ हत्याकांड में लालगंज के शातिर बदमाश भानु दुबे का भी नाम पुलिस प्रकाश में लाई थी। इसे पुलिस पकड़ नहीं सकी। घटना से लेकर फैसला आने तक यह फरार ही है। इस कारण पुलिस इसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिर नहीं कर सकी।
जेल से भागने का किया था प्रयास
शूटर नौशाद उर्फ डीएम जेल में रहते हुए भी पुलिस के लिए सिरदर्द बना था। इसने कई बार जिला जेल से भागने का प्रयास किया था। जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर इसकी विशेष निगरानी की जा रही थी। जेल प्रशासन ने इसकी सूचना कोर्ट में भी दी थी।