कोरोना काल में घर-घर पहुंच कर जगाई शिक्षा की अलख, कौशांबी की शिक्षिका शालिनी की हो रही है सराहना

कोरोना काल में स्कूल बंद कर दिए गए थे।ऐसे में ज्यादातर स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई कराई और परीक्षाएं लीं। सरकारी स्कूलों में भी ऑनलाइन शिक्षण शुरू किया गया लेकिन इस स्कूलों के ग्रामीण इलाकों के बच्चे स्मार्ट फोन और इंटरनेट के अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 04:33 PM (IST)
कोरोना काल में घर-घर पहुंच कर जगाई शिक्षा की अलख, कौशांबी की शिक्षिका शालिनी की हो रही है  सराहना
कौशांबी में भी कोरोना काल में खासतौर पर महिला शिक्षिकाओं की भूमिका सराहनीय रही है।

प्रयागराज, जेएनएन। यत्र  नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता, महाभारत की यह उक्ति हमें सदैव यह याद दिलाती रहती है। नारी का स्थान सर्वोपरि है। वैदिक युग में भी नारी के महत्व को स्वीकार किया गया है। जीवन के सभी क्षेत्रों में नारी की प्रमुखता रही है। शिक्षा क्षेत्र में भी नारी ने अध्यापन कार्य के साथ साथ उसमें ममता भी जोड़ दिया है। कौशांबी में भी कोरोना काल में खासतौर पर महिला शिक्षिकाओं की भूमिका सराहनीय रही है। 

मिशन शिक्षण संवाद में राज्य स्तर पर हो चुकी सम्मानित 

कोरोना काल में स्कूल बंद कर दिए गए थे। स्कूल कई महीने बंद रहे। ऐसे में ज्यादातर स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई कराई और परीक्षाएं भी लीं। सरकारी स्कूलों में भी ऑनलाइन शिक्षण शुरू किया गया  लेकिन इस स्कूलों के ग्रामीण इलाकों के बच्चे स्मार्ट फोन और इंटरनेट के अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में कोरोना काल में ऐसे परिवार के बच्चों की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित पढ़ाई  न हो इसके लिए महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई है। यूपीएस रसूलाबाद की शिक्षिका शालिनी कुशवाहा ने लॉकडाउन में स्वयं के प्रयास से बच्चों का वाट्सएप समूह बनाकर पढ़ाई जारी रखी।

पढ़ाई के साथ स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कार्य किया

उन्होंने कंप्यूटर द्वारा खुद वर्कशीट भी तैयारी की जिन्हें अनलॉक के दौरान बच्चों के घर तक पहुंचाए।वर्कशीट के साथ ही उन्होंने खुद तैयार किए गए मास्क भी बच्चों को दिए। उन्होंने स्कूल बंद रहने के दौरान घर-घर जाकर बच्चों को शिक्षित किया। उन्हें कोरोना वायरस महामारी के प्रति जागरूक करते हुए मोहल्लों में क्लास एवं योग कक्षा लगाकर पढ़ाई के साथ स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कार्य किया। काशी में आयोजित मिशन शिक्षण संवाद राज्य स्तरीय कार्यशाला में इन्हें सम्मानित किया गया। कोरोना काल के दौरान राज्य स्तरीय कहानी प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने पर इनकी कहानी भी राज्य स्तर पर चयनित हुई।

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