फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के पीछे कहीं सिंडिकेट का हाथ तो नहीं, किशोर न्‍याय बोर्ड ने जताई आशंका

फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्‍तुत किए जाने से सिंडिकेट के सक्रिय होने की आशंका कोई और नहीं बल्कि किशोर न्याय बोर्ड की ओर से जताई गई है। इसके बाद बोर्ड के कार्यालय लिपिक कृष्ण बहादुर सिंह की ओर से प्रधानाचार्य और मुल्जिम के पिता के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 07:47 AM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 07:47 AM (IST)
फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के पीछे कहीं सिंडिकेट का हाथ तो नहीं, किशोर न्‍याय बोर्ड ने जताई आशंका
वयस्क अपराधियों को किशोर प्रमाण पत्र तैयार करवाने में सिंडिकेट की सक्रियता की आशंका जताई जा रही है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अभियुक्त के अभिभावक व विद्यालय के द्वारा फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए जाने के आधार पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिले में एक सिंडिकेट कार्य कर रहा है। जो कुछ पैसों के लालच में वयस्क अपराधियों को किशोर प्रमाण पत्र तैयार करने का टेंडर लेते तथा न्यायालय में मिथ्या साक्ष्य गढ़कर प्रस्तुत करते हैं। ऐसा इसलिए कि किशोर दावेदार किशोर न्याय बोर्ड से किशोर घोषित हो जाए और इसका लाभ पाकर व जमानत पर मुक्त हो जाए एवं कठोर सजा से बच जाए।

प्रयागराज के खुल्‍दाबाद थाने में दर्ज है केस

जी हां। खुल्दाबाद थाने में दर्ज हुई एफआइआर का यह अंश है। ऐसी आशंका कोई और नहीं बल्कि किशोर न्याय बोर्ड की ओर से जताई गई है। इसके बाद बोर्ड के कार्यालय लिपिक कृष्ण बहादुर सिंह की ओर से प्रधानाचार्य और मुल्जिम के पिता के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

किशोर न्‍यास बोर्ड में फर्जी प्रमाणपत्र देने का मामला

दरअसल, अभियुक्त के पिता ने खुल्दाबाद स्थित किशोर न्याय बोर्ड में घूरपुर स्थित सरस्वती ज्ञान मंदिर जूनियर हाईस्कूल का प्रमाण पत्र लगाया था। बताया कि उसका बेटा नाबालिग है। तब बोर्ड ने उस विद्यालय के प्रधानाचार्य को बुलाकर बयान दर्ज किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान वादिनी मुकदमा ने आपत्ति दाखिल की। वादिनी की ओर से दाखिल अभिलेख के अधार पर दूसरे स्कूल के प्रधानाचार्य को तलब किया गया।

पुलिस कर रही फर्जी प्रमाणपत्र मामले की जांच

प्रधानाचार्य के बयान को किशोर न्याय बोर्ड ने ठोस आधार माना। पाया गया कि अभियुक्त के पिता ने विद्यालय के प्रधानाचार्य से मिलकर आरोपित को लाभ दिलाने के लिए गलत तरीके से प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। तब किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायाधीश शिवार्थ खरे, सदस्य नरेंद्र कुमार साहू, शीला यादव ने किशोर को बालिग घोषित करते हुए उसके मुकदमे को संबंधित न्यायालय में भेजा। मामले की जांच करने के लिए शिक्षा अधिकारी को भी आदेश दिया गया है। अब पुलिस पता लगाएगी कि इस स्कूल से कितने लड़कों के लिए फर्जी प्रमाण पत्र जारी किया गया था।

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