आप भी जानें, मच्छर जनित फाइलेरिया के लक्षण 10-15 वर्ष बाद सामने आते हैं Prayagraj News

मच्छर के काटने से होने वाली फाइलेरिया की दवा आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग अभियान चलाएगा। उम्र व लंबाई पूछकर ही फाइलेरिया की दवा लोगों को खिलाया जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 09:36 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 06:14 PM (IST)
आप भी जानें, मच्छर जनित फाइलेरिया के लक्षण 10-15 वर्ष बाद सामने आते हैं Prayagraj News
आप भी जानें, मच्छर जनित फाइलेरिया के लक्षण 10-15 वर्ष बाद सामने आते हैं Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। फाइलेरिया की दवा को लेने में कोताही न बरतें, क्योंकि यह आपके सेहत के लिए बहुत जरूरी है। अगर इसके नजरअंदाज कर देंगे तो स्वास्थ्य संबंध दिक्कत में पड़ सकते हैं। यह मच्छर जनित बीमारी के लक्षण 10 से लेकर 15 वर्षों बाद सामने आते हैं। इसलिए 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलने वाले अभियान में दवा जरूर ले लें। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाएगी।

इसलिए जरूरी है फाइलेरिया की दवा

राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. वीपी सिंह के मुताबिक, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सर्वे के दौरान पाया गया है कि नौ से 21 फीसद स्वस्थ व्यक्तियों में फाइलेरिया के कीटाणु माइक्रो फाइलेरिया पाए गए हैं। ऐसे लोग 10 से 15 वर्ष बाद फाइलेरिया से ग्रसित हो सकते हैं, जिसका कोई इलाज नहीं है। यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है और इसके लक्षण 10 से 15 वर्ष बाद सामने आते हैं।

उम्र व लंबाई पूछकर खिलाएंगे फाइलेरिया की दवा

फाइलेरिया अभियान में इस बार लंबाई और उम्र के आधार पर दवा खिलाई जाएगी। यह अभियान 25 नवंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक चलेगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम इसके लिए घर-घर जाएगी और परिवार के प्रत्येक सदस्य को दवा खिलाएगी। अभियान में एल्बेंडाजोल डीईसी और आइवरमेक्टिन दवा खिलाई जाएगी। इसमें एल्बेंडाजोल टैबलेट का फ्लेवर वनीला होगा।

दवा खाने के बाद उल्टी, खुजली और जलन की समस्या आए तो घबराएं मत

विशेषज्ञों के मुताबिक, माइक्रोफाइलेरिया से ग्रसित मरीज में दवा खाने के बाद उल्टी, खुजली और जलन की समस्या आम बात है। समान्यत: यह समस्या दो प्रतिशत मरीजों में आती है।यह दवा दो साल से अधिक उम्र के लोगों को ही देनी है। दो वर्ष से कम आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नहीं खिलानी है। एसीएमओ व नोडल अधिकारी विमलकांत वर्मा ने बताया की जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जल्द ही सर्वे का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

इस तरह हो रही तैयारी

फाइलेरिया के बारे में समाज के विभिन्न वर्गों को जागरूक किया जा रहा है। मदरसे व अन्य स्कूलों में बच्चे रैली निकालेंगे। स्कूलों में इस बीमारी पर निबंध प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। इसमें एनसीसी, स्काउट और नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक भी शामिल हैं। ग्राम स्तर पर किसान पाठशाला में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

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