स्वामी महेशाश्रम महाराज ने कहा-कथावाचकों के संपर्कों व कार्यों की हो जांच, उन्‍हें संत की उपाधि देना अनुचित

स्‍वामी महेशाश्रम ने कहा कि कथावाचकों का आचरण धर्म व हिंदू मान्यता के खिलाफ रहा है। यह साबित करता है कि वह व्यासपीठ पर आसीन होकर किसी दूसरे के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। सरकार को ऐसे कथावाचकों के संपर्कों व कार्यों की जांच करनी चाहिए।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 10:52 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 10:52 AM (IST)
स्वामी महेशाश्रम महाराज ने कहा-कथावाचकों के संपर्कों व कार्यों की हो जांच, उन्‍हें संत की उपाधि देना अनुचित
स्‍वामी महेशाश्रम ने कहा कि कथावाचकों के संपर्कों व कार्यों की हो जांच की जाने की आवश्‍यकता है।

प्रयागराज, जेएनएन। व्यासपीठ पर आसीन होकर दूसरे धर्म का गुणगान करना अक्षम्य अपराध है। यह सनातन धर्म का अपमान है। ऐसे कृत्य से हिंदू धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत होती हैं। जो कथावाचक ऐसा करे उसका सामूहिक बहिष्कार होना चाहिए। उक्त बातें सनातन ज्ञान पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम जी महाराज ने कही। 

उन्‍होंने कहा कि इधर कथावाचकों का आचरण धर्म व हिंदू मान्यता के खिलाफ रहा है। यह साबित करता है कि वह व्यासपीठ पर आसीन होकर किसी दूसरे के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। सरकार को ऐसे कथावाचकों के संपर्कों व कार्यों की जांच करनी चाहिए। जांच होने पर कई चौंकाने वाले रहस्य लोगों के सामने आएंगे। 

बोले, संत वह होता है, जो धर्म के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दे

स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि सनातन धर्म विरोधी ताकतों में हिंदुओं से सीधे मोर्चा लेने का माद्दा नहीं है। वह हिंदुओं को बांटने व भ्रमित करने के लिए तरह-तरह का कुचक्र रचती रहती हैं। कहीं, कथावाचक भी उनके साथ मिलकर देश व सनातन धर्म विरोधी कार्यों में लिप्त तो नहीं हैं, उसकी पड़ताल करना जरूरी है। कहा कि कथावाचक कहने को सनातन धर्म का प्रचार करते हैं, लेकिन उनकी वास्तविकता कुछ और होती है। ऐसे कई चेहरे इधर बेनकाब होने लगे हैं। उन्होंने कथावाचकों को संत व महात्मा कहने पर आपत्ति व्यक्त की। बोले, संत वह होता है, जो धर्म के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दे। घर-गृहस्थी का त्याग करके धर्म के लिए जीवन समर्पित करने वाले व्यक्ति संत कहलाते हैं। 

देश भर में लागू हो योगी का फार्मूला

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 1956 में लागू हुए गोवध निवारण अधिनियम में बदलाव कर सजा को सख्त करने के फैसले का स्वामी महेशाश्रम ने स्वागत किया है। कहा कि योगी ने गोकशी करने वाले को दस वर्ष की कैद व पांच लाख रुपये जुर्माना लगाने का नियम बनाया है। अब यूपी में गोकशी और गोतस्करी से जुड़े अपराधियों के फोटो भी सार्वजनिक रूप से चस्पा किए जाएंगे। यह निर्णय स्वागत योग्य है। गोवध रोकने के लिए योगी का फार्मूला पूरे देश में लागू करने की जरूरत है। 

दंडी संन्यासी चलाएंगे मुहिम

स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी फैलने का प्रमुख कारण पर्यावरण असंतुलन है। पेड़ों की संख्या कम होने, नदियों के सूखने से पर्यावरण का असंतुलन बढ़ रहा है। मानव का जीवन पर्यावरण की रक्षा करने से ही सुरक्षित होगा। इसके मद्देनजर दंडी संन्यासी धर्म के साथ पर्यावरण बचाने के लिए योगदान देंगे। नदियों व पेड़ों के संरक्षण की मुहिम देशभर में चलेगी। दंडी संन्यासी लोगों में जाग्रति फैलाने के साथ श्रमदान भी करेंगे।

chat bot
आपका साथी