स्वामी अमर गिरि बनाए गए संगम तट स्थित बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक, नए सिरे से बनेगी टीम
महंत नरेंद्र गिरि कहते हैं कि उनका किसी से कोई दुराव नहीं है। गलती आनंद गिरि ने की थी जिसके कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। अगर कोई सनातन परंपरा के अनुरूप रहना चाहता है तो उससे कोई बैर नहीं है उनके लिए सारे शिष्य बच्चे की तरह हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। श्रीनिरंजनी अखाड़ा, मठ बाघंबरी गद्दी से बाहर किए गए योगगुरु स्वामी आनंद गिरि के करीबियों पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। मठ बाघम्बरी गद्दी से लेकर बांध स्थित बड़े हनुमान मंदिर तक आनंद गिरि के निष्कासन प्रकरण से खलबली मची है। अब आनंद गिरि के करीबियों की गर्दन फंसने का डर भी है। ऐसे में वो पाला बदलने की तैयारी कर रहे हैं। जो लोग कभी आनंद गिरि के करीब दिखते थे वो महंत नरेंद्र गिरि की शरण में पहुंचने लगे हैं। बड़े हनुमान मंदिर के महंत व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने शनिवार को अहम निर्णय लेते हुए मंदिर प्रबंधन की जिम्मेदारी स्वामी अमर गिरि को सौंप दिया है। इन्हीं की देखरेख में बड़े हनुमान मंदिर की समस्त व्यवस्थाएं चलेंगी। अभी तक आनंद गिरि का हर काम में दखल रहता था।
योग गुरू स्वामी आनंद गिरि के करीबी सकते में
श्रीमहंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय में पढ़ने वाले कुछ छात्र स्वामी आनंद गिरि के करीबी बन गए थे। करीब पांच से छह छात्र ऐसे हैं जो मठ बाघम्बरी गद्दी में रहकर आनंद गिरि की सेवा में लगे रहते थे। उनके प्रवचन, योग के कार्यक्रम का प्रबंधन वही करते थे। जबकि कुछ गाड़ी चलाते थे। अब उन्हें खुद के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। उन्हें अंदेशा है कि आनंद गिरि की तरह कहीं उनके खिलाफ भी कार्रवाई न हो जाय। इसके लिए उन्होंने महंत नरेंद्र गिरि से उनके कुछ शिष्यों के जरिए संपर्क साधना शुरू कर दिया है। लेकिन, अभी विश्वास का अभाव है। इसी कारण उन्हें मठ व मंदिर के प्रमुख कार्यों से दूर रखा गया है।
सनातन परंपरा के अनुरूप रहने वालों से कोई बैर नहीं- महंत नरेंद्र गिरि
वैसे महंत नरेंद्र गिरि कहते हैं कि उनका किसी से कोई दुराव नहीं है। गलती आनंद गिरि ने की थी, जिसके कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। अगर कोई सनातन परंपरा के अनुरूप रहना चाहता है तो उससे उन्हें कोई बैर नहीं है, क्योंकि उनके लिए सारे शिष्य बच्चे की तरह हैं। कोई मठ में रहकर अच्छा काम करेगा तो उन्हें खुशी मिलेगी, लेकिन संत परंपरा को धूमिल न करे मैं सिर्फ यही चाहता हूं। महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्था स्वामी अमर गिरि को सौंपी गई है। कार्यों में पारदर्शिता, मठ-मंदिर व संत परंपरा को बचाने के लिए आगे भी जहां जरूरत होगी, उसके अनुरूप बदलाव किया जाएगा।