गंगा-यमुना के बाढ़ से सब्जियों की आपूर्ति आधी, रेट दो गुना बढ़े Prayagraj News
गंगा और यमुना नदियों में बाढ़ का यही हाल रहा तो और सब्जियों के दाम और चढ़ेंगे। इंदौर से लहसुन नहीं आ पा रहा है तो प्याज की आवक भी सब्जी मंडियों में कम है।
प्रयागराज, जेएनएन। बाढ़ का असर सब्जियों की आपूर्ति और उसके रेट पर भी पड़ा है। तराई की सब्जियां डूब जाने और बाहर से सब्जियां कम आने से मंडियों में आपूर्ति घटकर आधी हो गई है। इससे कई सब्जियों का रेट थोक भाव में डेढ़ से दो गुना तक बढ़ गया है। फुटकर में यह सब्जियां और महंगी बिक रही हैं।
तराई के इलाके में सब्जियां बाढ़ की भेंट चढ़ गई हैं
शहर की थोक सब्जी मंडियों मुंडेरा और खुल्दाबाद में लहसुन इंदौर एवं एटा, प्याज मध्य प्रदेश और नासिक, हरी धनिया, करेला, लौकी नागपुर में छिंवाड़ा से आती है। नेनुआ, बैगन, भिंडी, कद्दू जैसी सब्जियां कौशांबी और गंगापार से आती हैं। कौशांबी में सैनी से लेकर बमरौली और गंगापार में प्रयागराज-लखनऊ राजमार्ग के दक्षिणी तराई के इलाके में सब्जियां बाढ़ की भेंट चढ़ गई हैं। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी बाढ़ का असर है। इससे मंडियों में पर्याप्त मात्रा में न स्थानीय और न ही बाहरी सब्जियां आ रही हैं। लिहाजा, रेट बढ़ गया है।
व्यापारी नेता ने कहा-सब्जियों की आवक कम होने से रेट बढ़ा
फल-सब्जी व्यापार महासंघ, मुंडेरा के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा का कहना है कि सब्जियां बहुत कम आ रही हैं। लहसुन इंदौर से निकलने वाला था लेकिन बाढ़ के कारण नहीं लाया जा सका। प्याज भी नहीं आ पा रही है। इससे इसका रेट और चढ़ेगा। खुल्दाबाद सब्जी मंडी के थोक कारोबारी शैफुद्दीन बताते हैं कि कर्नाटक में प्याज की नई फसल बारिश में खराब हो गई। इससे कीमत अचानक तेजी से बढ़ गई। अगर फसल खराब नहीं होती तो कीमत पर ज्यादा असर नहीं पड़ता।
बोले सब्जी कारोबारी, बाढ़ का यही हाल रहा तो सब्जियों का रेट और बढ़ेगा
थोक कारोबारी मो. अजहर का कहना है कि बाढ़ की वजह से मंडी में सब्जियों की आपूर्ति घटकर आधी हो गई है। एजी ऑफिस सब्जी मंडी में फुटकर कारोबार करने वाले संजय का कहना है कि बाढ़ का यही हाल रहा तो सब्जियों का रेट और चढ़ेगा।
सब्जियों का रेट (थोक और फुटकर में)
सब्जी - अब - पहले- अब - पहले
बैगन - 30 - 10 - 50 - 30
भिंडी - 20 - 10 - 40 - 20
नेनुआ - 25 - 12 - 30 - 20
लहसुन - 200 - 100 - 220 -120
प्याज - 44 - 20 - 50 - 25
परवल - 30 - 20 - 60 - 40
टमाटर - 24 - 15 - 50- 30
हरी धनिया- 80 - 30 - 100- 50
करेला- 25 - 20 - 40 - 30
नोट: रेट रुपये प्रति किग्रा में
आटा, दाल, चीनी के आने में कमी नहीं पर बिक्री घटी
आटा, मैदा, सूजी, दाल, चावल, चीनी, घी, तेल की थोक मंडी में इन सामग्रियों की आवक पर बाढ़ का असर नहीं है। लेकिन महीने भर से बिक्री करीब 50 फीसद तक घट गई है। इसकी वजह बाहरी व्यवसायियों का कम आना है। थोक कारोबारी सुभाष केसरवानी बताते हैं कि आटा, मैदा फतेहपुर, नवाबगंज, नैनी और सहसों से मिलों से आता है। दाल कटनी और नागपुर, घी कानपुर, वाराणसी और पश्चिम बंगाल से आता है।