यूपी की अदालतों में 10 मई से 4 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश, COVID-19 के कारण हाई कोर्ट ने लिया फैसला

इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रयागराज स्थित प्रधान पीठ लखनऊ खंड पीठ और अधीनस्थ अदालतों में ग्रीष्मकालीन अवकाश एक से 30 जून के बजाय 10 मई से 4 जून तक रहेगा। तदनुसार कैलेंडर भी संशोधित कर लिया गया है। इस आशय की अधिसूचना महानिबंधक ने जारी कर दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:41 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 07:45 AM (IST)
यूपी की अदालतों में 10 मई से 4 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश, COVID-19 के कारण हाई कोर्ट ने लिया फैसला
इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति ने ग्रीष्मकालीन अवकाश को संशोधित कर दिया है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति ने पूर्व निर्धारित ग्रीष्मकालीन अवकाश को संशोधित कर दिया है। अब 10 मई से 4 जून तक ग्रीष्मावकाश घोषित किया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रयागराज स्थित प्रधान पीठ, लखनऊ खंडपीठ और अधीनस्थ अदालतों में ग्रीष्मकालीन अवकाश एक से 30 जून के बजाय 10 मई से 4 जून तक रहेगा। इस आशय की अधिसूचना महानिबंधक ने जारी कर दी है। ग्रीष्मावकाश में सुनवाई हेतु न्यायिक क्षेत्राधिकार की भी अधिसूचना जारी कर दी गई है। कोरोना संक्रमण के चलते इस साल यह फैसला लिया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने दो दिन पहले ही इस आशय की मांग करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति ने हाई कोर्ट में पूर्व निर्धारित ग्रीष्मावकाश को संशोधित करते अब 10 मई से चार जून तक कर दिया है। संशोधित ग्रीष्मावकाश इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रधान पीठ प्रयागराज, इसकी लखनऊ बेंच के अलावा प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों में लागू रहेगा। कोरोना संक्रमण के चलते इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बेंच व अधीनस्थ अदालतों में केसों की फिजिकल सुनवाई नहीं हो पा रही है।

ग्रीष्मावकाश के चारों सप्ताह के लिए न्यायिक क्षेत्राधिकार की अधिसूचना जारी कर दी गई है। सिविल व क्रिमिनल मामले के लिए प्रत्येक सप्ताह में एक डिवीजन बेंच व चार एकल जज अर्जेंट मैटर की सुनवाई करेंगे। यह सप्ताह 10 मई, 17 मई, 24 मई तथा 31 मई 2021 से शुरू होगा। पहले एक जून से 30 जून तक ग्रीष्मावकाश रहता था। तदनुसार इलाहाबाद हाई कोर्ट व अधीनस्थ अदालतों का कैलेंडर संशोधित कर लिया गया है।

बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस वर्ष ग्रीष्मावकाश एक माह पूर्व मई में ही घोषित करने की मांग की थी। बार की तरफ से इस संबंध में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा गया था। बार एसोसिएशन ने कहा था कि कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बार ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश से मांग की थी कि हाई कोर्ट को सात मई तक पूरी तरह बंद रखा जाए और उसके बाद ग्रीष्मावकाश घोषित किया जाए।

इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अनुसार इलाहाबाद हाई कोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में ग्रीष्मावकाश प्रत्येक वर्ष पहली जून से होता है। इस बार विषम परिस्थितियों के मद्देनजर यह मांग की गई थी। कैट बार एसोसिएशन की मांग पर कैट में भी इस बार गर्मी की छुट्टियां मई में ही घोषित कर दी गई हैं।

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